राजस्थान के कोटा स्थित मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व (Mukundra Hills Tiger Reserve) की बाघिन एमटी-4 (MT-4) ने दुनिया को अलविदा कह दिया. बाघिन एमटी-4 कुछ दिनों से बीमार चल रही थी. एनटीसीए के प्रोटोकॉल के अनुसार डॉक्टरों की टीम ने 1 मई को उसका इलाज भी किया था. 3 मई को बाघिन फिर अस्वस्थ नजर आई थी. डॉक्टरों की टीम ने फिर से उसका इलाज किया. फिर 4 मई की दोपहर बाघिन की मौत हो गई. उसके साथ ही उसके पेट में पल रहे तीन शावकों की भी मौत हो गई.
कृष्णा की बेटी और बाघिन मछली की नातिन थी एमटी-4
वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट आदिल सैफ ने बताया कि बाघिन एमटी-4 का जन्म राजस्थान के रणथंभौर में हुआ था. इसको पहली बार रणथंबोर में 23 मार्च 2014 को देखा गया. यह टाइगर कृष्णा की बेटी थी. फेमस बाघिन मछली इसकी नानी थी. रणथंबोर में इसका नाम लाइटनिंग टी-83 रखा गया था.
12 अप्रैल सन 2019 को इसे रणथंभौर से मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में री-लोकेट किया गया था. यहां पर इसका नाम टाइग्रेस एमटी-4 (Tigress MT-4) रखा गया था. रणथंबोर से लाए गए बाघ एमटी-3 से को प्रजनन के लिए मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व लाया गया था. मगर, अगस्त 2020 में बाघ एमटी -3 की मौत हो गई थी.
साल 2020 से लेकर 2022 तक बाघिन एमटी-4 अकेली ही मुकंदरा में रही. इस बीच इस के स्वास्थ्य में कई बार उतार-चढ़ाव देखे गए. इसे इलाज के लिए अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क भी लाया गया. बाघिन के पैर में अंदरूनी चोटे थीं जो इलाज के चलते समय पर ठीक हो गई थीं.
नवंबर 2022 में टाइगर एमटी-5 को रणथंभौर से मुकुंदरा में बने सेल्जर 100 एनक्लोजर में रिलीज किया गया था. दिसंबर माह के अंत में बाघ-बाघिन का जोड़ा बनने की खबरें आती रहीं. अब जब बाघिन गर्भवती हुई तो सब उम्मीद लगा कर बैठे थे मुकुंदरा टाइगर रिजर्व से खुशखबरी आने वाली है. मगर, बाघिन एमटी-4 का स्वास्थ्य खराब होने लगा.
30 मई की बिगड़ी हालत, 3 मई को मौत
30 मई को बाघिन की तबीयत खराब हुई थी. एक मई को डॉक्टरों की टीम ने बाघिन को ट्रेंकुलाइज करने के बाद उसका इलाजा किया था. बाघिन को एनिमा दिया गया था. इस दौरान बाघिन के मलदार से सूखा मल निकला था. स्वास्थ ठीक होने पर बाघिन को जंगल में छोड़ दिया गया था.
एक दिन बाद यानी 3 मई को बाघिन फिर से सुस्त नजर आ रही थी. वह गर्भवती भी थी. बताया जा रहा है कि बाघिन का मलाशय भी बाहर की तरफ निकल आया था. डॉक्टरों ने फिर से उसे बेहोश किया और उसका इलाज किया था. इस दौरान भी सूखा मल डॉक्टरों द्वारा निकाला गया था. गुरुवार दोपहर करीब सवा एक बजे बाघिन ने सांस उखड़ने लगी और तीन बार लंबी-लंबी सांस लेने के बाद उसने दम तोड़ दिया. वहीं, बाघिन के पेट में पल रहे तीन शावकों की भी मौत हो गई है.
मौत के बाद बाघिन और उसके शावकों का धरा रेंज में लाकर पोस्टमार्टम किया गया और फिर अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस दौरान प्रशासन पुलिस एवं प्रोटोकॉल अधिकारी मौजूद रहे.