आर्कियोलॉजिस्ट ने स्विट्जरलैंड में लोहे के दस्ताने (Gauntlet) खोजे हैं. ये दस्ताने 14वीं सदी के हैं. ये दस्ताने उस समय के योद्धा यानी नाइट्स (Knights) पहनते थे. ज्यूरिख के उत्तरपूर्व में 18 किलोमीटर दूर कीबर्ग कैसल (Kyburg Castle) के पास एक मध्यकालीन कस्बा मिला है. यहीं से एक वाइन के गोदाम से यह लोहे का दस्ताना मिला है.
इस दस्ताने की चार लोहे की उंगलियां मुड़ जाती हैं. हर एक जोड़ और मोड़ पर अलग लोहे का प्लाट है. जिन्हें देखने पर मछली के शरीर में बने स्केल जैसा नजारा दिखता है. इन्हें पतले धातु के परत से जोड़ा गया है. अंदर की तरफ चमड़े का और कपड़े का लेयर है ताकि हाथ सुरक्षित रहे. इस दस्ताने पर होने वाले धारदार हथियार के हमले से हाथ सुरक्षित रहता.
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इस दस्ताने के अलावा उस जगह से कई और धातु की कलाकृतियां, औजार, हथियार मिले हैं. जैसे- हथौड़े, जीभ, ट्वीजर्स, चाकू, प्लायर, चाबियां और बाएं हाथ के लोहे के दस्ताने के टुकड़े. पुरातत्वविदों ने कहा कि वो किस्मत वाले थे जो उन्हें ये ऐतिहासिक चीजें मिली हैं. लेकिन इस जगह पर एक नया निर्माण होने वाला है, जिससे ये चीजें बेकार हो जाएंगी.
यहां पर खनन करने वाली टीम की लीडर लोरेना बर्काहार्ट ने कहा कि अगर निर्माण हुआ तो कई प्राचीन चीजें खोजने से हम चूक जाएंगे. हमें पहले इन चीजों को खोजना है. इसके बाद जो निर्माण करना हो, वो हो जाए. लोरेना ज्यूरिख यूनिवर्सिटी में आर्कियोलॉजी की ग्रैजुएट स्टूडेंट हैं. ऐसा पहली बार हुआ है कि जब स्विट्जरलैंड में पूरी तरह से सुरक्षित लोहे का दस्ताना मिला है. इससे पहले मिला सबसे प्राचीन दस्ताना 15वीं सदी का था.
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आर्कियोलॉजिस्ट ने कहा कि स्विट्जरलैंड में अब तक कुल मिलाकर 5 दस्ताने मिले हैं, लेकिन सब 15वीं सदी या उसके बाद के हैं. लेकिन कोई भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं था. कीबर्ग कैसल के पास मिले दस्ताना अब तक सबसे प्राचीन लोहे का दस्ताना है. इसकी डिजाइन, डेकोरेशन और धातु की क्वालिटी अब तक सुरक्षित है. खराब नहीं हुई है.
अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि यह दस्ताना पहनता कौन था. 29 मार्च से इस दस्ताने को कीबर्ग कैसल में आम लोगों को देखने के लिए रख दिया जाएगा. लेकिन यह उस दस्ताने की नकल होगी. असली दस्ताने को देखने के लिए 7 सितंबर तक इंतजार करना पड़ेगा. तब इसे तीन हफ्तों के लिए दुनिया के सामने दिखाया जाएगा.