ईरान (Iran) ने अपनी नई मिसाइल Khorramshahr-4 का आज यानी 25 मई 2023 को सफल परीक्षण किया है. यह लिक्विड फ्यूल पर उड़ने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है. जिसकी रेंज 2000 किलोमीटर है. ईरान के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इस मिसाइल में वह 1500 किलोग्राम वॉरहेड रखकर दाग सकता है. मिसाइल ने परीक्षण के दौरान 100 फीसदी सटीकता के साथ टारगेट पर हिट किया.
खोर्रमशहर-4 एक मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है. लंबाई करीब 13 मीटर है. व्यास 1.5 मीटर है. वजन 19.5 टन है. स्पीड का खुलासा ईरान ने नहीं किया है लेकिन यह माना जाता है कि यह 9878 से 19,756 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से टारगेट की तरफ जाती है. सटीकता 3 मीटर है. यानी टारगेट चाहकर भी बच नहीं सकता.
#BREAKING: IRAN unveiled a new Liquid-fuel Ballistic Missile named "Khorramshahr-4" with a range of 2,000 kilometers.
Iran's defense ministry claims the missile can carry a 1500-kilogram warhead and hit its targets with pinpoint accuracy.#IRGC #Iran #Missile #Khorramshahr4… pic.twitter.com/9WdXFDhpn6— EurAsian Times (@THEEURASIATIMES) May 25, 2023
Khorramshahr-4 मिसाइल को मोबाइल लॉन्चर से दागा जाता है. यानी ईरान इसे अपनी सीमाओं पर कहीं भी तैनात कर सकता है. इस मिसाइल की रेंज में इजरायल, मिस्र, सऊदी अरब, रोमानिया, बुल्गारिया और ग्रीस तक आते हैं. यह भी माना जा रहा है कि इसमें परमाणु हथियार ले जाया जा सकता है. हालांकि इसके बारे में यह पुख्ता जानकारी नहीं है कि क्या इसमें कई परमाणु हथियार लगाए जा सकते हैं या नहीं.
खोर्रमशहर-4 मिसाइल बहुत हद तक उत्तर कोरिया के ह्वासॉन्ग-12 (Hwasong-12) मिसाइल की तरह ही है. अगर रेंज बढ़ानी हो तो वॉरहेड का वजन कम किया जा सकता है. जबकि रेंज कम रखनी हो और नुकसान ज्यादा तो हथियार का वजन बढ़ाया जा सकता है.
जेन्स डिफेंस वीकली और सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के मुताबिक उत्तर कोरिया ने ह्वासॉन्ग-12 मिसाइल का एक वर्जन ईरान को बेंचा था. जिसे बीएम-25 नाम दिया गया था. यहां पर 25 का मतलब है 2500 किलोमीटर. ईरान ने यह कहा है कि उसने पुराने वाले वर्जन की तुलना में इस मिसाइल के आकार को कम किया है. इससे ईंधन कम लगेगा और रेंज भी कम होगी.