scorecardresearch
 

पेट दर्द के बाद अस्पताल पहुंचा था मरीज, ऑपरेशन में निकले 187 सिक्के, वजन था 1.2 KG

कर्नाटक में डॉक्टरों ने 58 वर्षीय शख्स के पेट से ऑपरेशन के जरिए 462 कीमत के 187 सिक्के बाहर निकाले हैं. इनका वजन 1.2 किलोग्राम पाया गया. डॉक्टरों के मुताबिक, दयामप्पा सिजोफ्रेनिया से पीड़ित है और उसे सिक्के निगलने की आदत है.

Advertisement
X
3 डॉक्टरों की टीम ने किया सफल ऑपरेशन.
3 डॉक्टरों की टीम ने किया सफल ऑपरेशन.

कर्नाटक में एक शख्स के पेट से 187 सिक्के निकाले गए हैं. यह शख्स अस्पताल में पेट दर्द और उल्टी की शिकयत लेकर पहुंचा था. डॉक्टर ने उसके अलग-अलग टेस्ट किए. एंडोस्कोपी भी की. पता चला कि पेट में बहुत सारे सिक्के हैं. ऑपरेशन करके शख्स के पेट से एक, दो और पांच रुपये के अलग-अलग सिक्के निकाले गए. कुल 462 रुपये की कीमत के 187 निकाले गए हैं. डॉक्टरों ने बताया कि इस व्यक्ति को सिजोफ्रेनिया नाम की बीमारी है.

Advertisement

जानकारी के मुताबिक, 58 साल के इस शख्स का नाम दयमप्पा हरिजन है. वह रायचूर जिले के लिंगसुगुर शहर का रहने वाला है. शनिवार, 26 नवंबर को दयमप्पा ने पेट में दर्द होने की शिकायत की. इस पर उसका बेटा रवि कुमार उसे बागलकोट के एस निजलिंगप्पा मेडिकल कॉलेज से जुड़े HSK अस्पताल ले गया. यहां डॉक्टरों ने लक्षणों के आधार पर एक्स-रे और एंडोस्कोपी की. मरीज के एब्डोमिनल स्कैन में पता चला कि उसके पेट में 1.2 किलोग्राम सिक्के हैं. इसके बाद उसका ऑपरेशन करने का फैसला किया गया.

डॉक्टरों के मुताबिक, दयामप्पा सिजोफ्रेनिया से पीड़ित है और उसे सिक्के निगलने की आदत है. उन्होंने बताया कि सिजोफ्रेनिया के मरीज असामान्य रूप से सोचते हैं, महसूस करते हैं और व्यवहार करते हैं.  मरीज ने कुल 187 सिक्के निगले थे. इसमें 5 रुपये के 56 सिक्के, दो रुपये के 51 सिक्के और एक रुपये के 80 सिक्के थे.

Advertisement

दयमप्पा के बेटे ने बताया, ''पापा मानसिक तौर पर परेशान जरूर चल रहे थे. लेकिन रोजमर्रा के काम भी करते रहे थे. उन्होंने कभी घर में इस बारे में नहीं बताया कि उन्होंने सिक्के निगले हैं. अचानक जब उन्हें पेट में दर्द हुआ तो उन्होंने हमें दर्द के बारे में जरूर बताया. लेकिन तब भी यह नहीं बताया कि उन्होंने सिक्के निगले हैं. हमें एब्डोमिनल स्कैन में पता चला कि उन्होंने 1.2 किलोग्राम के सिक्के निगले हैं.''

3 डॉक्टरों ने की सर्जरी
मीडिया से बात करते हुए सर्जन ईश्वर कलबुर्गी ने कहा, 'यह एक चुनौतीपूर्ण केस था. ऑपरेशन करना बिल्कुल भी आसान नहीं था. मरीज का पेट गुब्बारे जैसा हो गया था. पेट में हर जगह सिक्के थे. ऑपरेशन थिएटर में हमने सीआर के जरिए सिक्कों को ढूंढा. मैंने देखा कि सिक्के कहां-कहां हैं. फिर सिक्कों को निकाला गया.'' उन्होंने बताया कि 3 डॉक्टर्स ने इस सर्जरी को किया.

क्या है सिजोफ्रेनिया? 
सिजोफ्रेनिया यानी मनोविदलता. ये एक मानसिक रोग है जिसमें पेशेंट्स के विचार और अनुभव वास्तविकता से मेल नहीं खाते हैं. ये भ्रम तब भी बरकरार रहता है जब कोई इन्हें सच्चाई का आभास करवाने की कोशिश करता है. इसके मुख्य लक्षण वहम और भ्रम होते हैं. लेकिन इनके अलावा भी कई और लक्षण हो सकते हैं. ये इस पर निर्भर करता है कि सिजोफ्रेनिया किस स्टेज में है.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement