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भयंकर गालीबाज हैं यहां पर तोते, भाषा ऐसी जो कान से निकाल देगी खून, सुधारा तो जा रहा है लेकिन...

यूके के एक वाइल्ड लाइफ पार्क ने हद से ज्यादा गाली दे रहे अपने तोतों को रोकने के लिए एक नई योजना बनाई है. दरअसल, ये तोते चिड़ियाघर में आने वाले लोगों को गंदी गालियां दे रहे हैं और बाकी तोतों को भी ऐसा सिखा सकते हैं.

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African grey parrots (Getty Images)
African grey parrots (Getty Images)

तोतों को अक्सर लोगों की बातें दोहराते हुए देखा गया है लेकिन अगर ये जरूरत से ज्यादा सीख जाएं तो मुसीबत भी बन जाते हैं. हाल में यूके के लिंकनशायर वाइल्ड लाइफ पार्क में कुछ ऐसा ही हुआ. यहां पार्क ने हद से ज्यादा गाली दे रहे अपने तोतों को रोकने के लिए एक नई योजना बनाई है. दरअसल, ये तोते चिड़ियाघर में आने वाले लोगों को गंदी गालियां दे रहे हैं.

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पार्क ने खुलासा किया कि वे आठ गाली-गलौज करने वाले अफ्रीकन ग्रे तोतों की भाषा में सुधार करने के लिए उन्हें 92 अन्य तोतों के साथ रखेंगे.

तोतों के बक्से से गंदी गालियों की आवाज

पार्क के मुख्य कार्यकारी स्टीव निकोल्स ने सीएनएन को बताया, मैं उम्मीद कर रहा हूं कि ऐसा करने से झुंड के सामान्य शोर के अलावा, इनका गाली देना पूरी तरह बंद हो जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि 'जब हम उन्हें ले जाने के लिए आए तो जिन बक्सों में उन्हें रखा गया था उससे सिर्फ गंदी गालियों की आवाज आ रही थी.'

योजना में गड़बड़ी हुई तो...

उन्होंने कहा- हालांकि, अगर गड़बड़ी हुई तो हो सकता है कि बाकी 92 तोते भी गालियां देना सीख जाएं. इस अजीब एक्सपेरीमेंट से हम बस चीजें ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं. अफ्रीकन ग्रे तोते दुनिया में  सबसे अधिक बुद्धिमान पक्षियों में से एक माने जाते हैं. इनके बारे में कहा जाता है कि ये किसी भी बात की नकल करने की अनोखी स्किल रखते हैं. 2019 की हार्वर्ड की स्टडी के अनुसार, अफ्रीकन ग्रे तोता 5 साल के इंसानी बच्चे जितना समझदार हो सकता है.

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2020 में चर्चा में आए थे

निकोलस ने कहा, 'इन तोतों में से छह आदमी की आवाज़ में और दो औरतों की आवाज में बोलते हैं और जब वे सभी गाली दे रहे होते हैं तो यह वास्तव में गंदा लगता है.

इन आठ में से पांच (बिली, एल्सी, एरिक, जेड और टायसन) 2020 में तब चर्चा में आए थे जब चिड़ियाघर आने वालों को गाली देने के चलते इन पांचों को अलग कर दिया गया था.

तोते कहां से सीखे गाली देना?

दरअसल कोरोना वायरल के दौरान जब ये 5 पक्षी एक साथा क्वारंटाइन रखे गए थे तभी इन्होंने एक दूसरे को ऐसे शब्द सिखा दिए थे. कोरोना के बाद जू आने वाले लोग बुरा मानने की जगह इनकी भाषा से हैरान होने लगे और हंसने लगे. नतीजा ये हुआ कि इन पांचों ने तीन और पक्षियों को यही भाषा सिखा दी. बाकी तीनों के नाम एरिक, कैप्टन और शीला हैं.

निकोलस का मानना ​​है कि इस एक्सपेरीमेंट में रिस्क है लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं. लिंकनशायर ने जू में चारों ओर वार्निंग मैसेज लगाए हैं- लोग कृप्या करके तोतों की बदतमीजी पर न तो हंसें और न ही प्रोत्साहन दें. 

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