यूपी में इन दिनों एक सारस सुर्खियों में है. यूपी के अमेठी के रहने वाले मोहम्मद आरिफ की इससे साल 2022 के अगस्त महीने में उस समय हुई थी मुलाकात, जब वो जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा था. आरिफ ने इसकी जान बचाकर पक्षी के मन में अपने लिए अनोखा प्रेम जगाया था. करीब एक साल से सारस आरिफ और उनके परिवार के साथ ही रह रहा था. बीते दिनों वन विभाग की टीम सारस को रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार लेकर चली गई थी. अब सारस को नया ठिकाना मिल गया है. उसे समसपुर पक्षी विहार से उन्नाव और उसके बाद कानपुर के चिड़ियाघर लाया गया है.
चिड़ियाघर में बंद परिंदा… ये कैसी आजादी है- अखिलेश यादव
इस मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "चिड़ियाघर में बंद परिंदा… ये कैसी आजादी है?". उधर, कानपुर चिड़ियाघर की टीम ने बताया कि सारस को पक्षी विहार की टीम द्वारा कानपुर लाया गया है. यहां इसे 15 दिन क्वारंटाइन किया गया है. इसके बाद इसको चिड़ियाघर के उस बड़े हिस्से में छोड़ा जाएगा, जहां वो पेड़ों पर बैठ सकेगा.
सारस एकदम स्वस्थ है- चिड़ियाघर प्रशासन
चिड़ियाघर प्रशासन ने बताया कि सारस एकदम स्वस्थ है और प्रोटोकॉल के चलते 15 दिन की निगरानी में है. यहां केयर टेकर के अलावा किसी को जाने की अनुमति नहीं है. उधर, देर शाम एक बार फिर अखिलेश यादव ने सारस के बंद पिजरे का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, "सारस को तो कानपुर चिड़ियाघर भेज दिया… "क्या गोलू को भी गोरखपुर चिड़ियाघर भेजेंगे?"
इससे पहले अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा था, 'यूपी के पक्षी-प्रेमी 'बी सैया' नामक गांव को बहुत धन्यवाद जिसने सारस को बचाया, खिलाया पिलाया और वो काम कर दिखाया, जिसमें यूपी की सरकार नाकाम रही. सच तो ये है कि प्रेम से बड़ी सत्ता और कोई हो ही नहीं सकती… भाजपाई अगर समय रहते ये समझ लें तो शायद उनके अंदर की नफ़रत कुछ कम हो जाए.'