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SC से जमानत के बावजूद भी माती जेल में बंद है खुशी दुबे, कानपुर के बिकरू कांड में है आरोपी

4 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने कानपुर के बिकरू कांड की आरोपी खुशी दुबे को जमानत दी थी. लेकिन इसके 13 दिन बाद भी खुशी दुबे की माती जेल से रिहाई नहीं हो पाई है. इस मामले को लेकर खुशी दुबे के वकील ने अदालत का रुख किया और कोर्ट ने पुलिसकर्मियों को तलब किया है.

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अब तक नहीं हो सकी है खुशी दुबे की रिहाई
अब तक नहीं हो सकी है खुशी दुबे की रिहाई

उत्तर प्रदेश के कानपुर में साल 2020 में हुए बिकरू कांड में आरोपी बनाई गई खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी. लेकिन इसके 13 दिन बाद भी वो माती जेल से बाहर नहीं आ पाई है. खुशी दुबे के वकील ने पुलिस और बैंक प्रबंध पर जमानतगिरों के सत्यापन में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है, जिस पर कोर्ट दो थानों के SHO और बैंक प्रबंध को कोर्ट में पेश होकर उससे जवाब तलब किया है.

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बता दें कि ढाई साल पहले कानपुर में हुए बिकरू कांड में आरोपी बनाई गई अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी. अमर दुबे की जान बिकरू कांड के दौरान पुलिस मुठभेड़ में ही गई थी. 

कानूनी दांवपेच में फंसी रिहाई

4 जनवरी को मिली जमानत के इतने दिन बाद भी कानूनी दांवपेंच के चलते खुशी अभी तक कानपुर देहात की जिला जेल से बाहर नहीं आ पाई है. खुशी के वकील शिवाकांत दीक्षित ने माती की पॉस्को कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर पुलिस और बैंक प्रबंध पर लापरवाही का आरोप लगाया है. वकील शिवाकांत दीक्षित का कहना है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय और कानपुर देहात पॉस्को कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी खुशी जेल से अभी तक बाहर नहीं आई है. 

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अदालत ने पुलिस को लगाई फटकार

वकील ने कहा कि कोर्ट ने डाक के जरिए 11 जनवरी को पनकी थाने, नौबस्ता थाने और 12 जनवरी को कानपुर- अर्मापुर की यूको बैंक में दस्तावेत जमानत के सत्यापन के लिए दिए थे. लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते अभी तक उन कागजों का सत्यापन नहीं किया गया है. पॉस्को कोर्ट में इसकी शिकायत की गई थी, जिस पर पॉस्को कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए पनकी SHO, नौबस्ता SHO समेत अर्मापुर यूको बैंक प्रबंध को 19 जनवरी को कोर्ट में पेश होकर जवाब देने को कहा है. अदालत के इस रवैये के बाद माना जा रहा है की खुशी दुबे अब बहुत जल्द जेल से रिहा हो जाएगी.

बिकरू कांड में 8 पुलिस वालों की गई थी जान

आपको बता दें कि 2 जुलाई 2020 को कानपुर के चौबेपुर थाने के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस पर विकास दुबे ने साथियों के साथ हमला कर दिया था. इस हमले में DSP समेत 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. मुठभेड़ में मारे गए विकास दुबे का भतीजा और राइट हैंड कहा जाने वाला अमर दुबे घटना के बाद फरार हो गया था, लेकिन 8 जुलाई 2020 को हमीरपुर के मौदाहा में एसटीएफ ने अमर दुबे को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था.

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उस वक्त नाबालिग थी खुशी दुबे

खुशी दुबे उसी अमर दुबे की पत्नी है. अदालत में कहा गया कि अमर दुबे की शादी 29 जून 2020 को खुशी दुबे से हुई थी. शादी के महज तीन दिन बाद 2 जुलाई 2020 को बिकरू कांड हुआ था. खुशी दुबे के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर घटना के वक्त वह नाबालिग थी. उस समय उसकी उम्र 16 साल के लगभग थी. पुलिस ने बिकरू कांड में खुशी को भी आरोपी बनाया था. खुशी दुबे पर चौबेपुर पुलिस ने फर्जी सिम रखने के मामले में केस दर्ज कर जेल भेज दिया था. कुछ महीने पहले बालिग होने पर खुशी दुबे को माती जेल शिफ्ट किया गया था.

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