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'नहीं बदली नीति, सभी पात्र किसानों को देंगे 6% आवासीय भूखंड', ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का ऐलान

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की सीईओ ऋतु माहेश्वरी ने कहा है कि उन सभी किसानों को छह फीसदी आवासीय भूखंड आवंटित किए जाएंगे जिनकी जमीन का अधिग्रहण साल 2016 से पहले किया गया था. साल 2016 के बाद ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने भूमि अधिग्रहण के नियमों में बदलाव किया था जिसके बाद किसानों की जमीन सहमति के आधार पर केवल मुआवजे का भुगतान कर ली जा रही है.

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ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जमीन अधिग्रहण को लेकर कहा है कि साल 2016 से पहले जिन किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है. उन सभी किसानों को छह फीसदी आवासीय भूमि दी जाएगी. किसानों को छह फीसदी आवासीय भूखंड की नीति में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पिछले सात साल से कोई बदलाव नहीं किया है.

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कहा है कि साल 2016 के पहले जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है, उनको प्राधिकरण बोर्ड से अप्रूव्ड पॉलिसी के तहत छह फीसदी आवासीय भूखंड जरूर दिए जाएंगे. साल 2016 के बाद प्राधिकरण सिर्फ सहमति के आधार पर किसानों की जमीन का अधिग्रहण कर रहा है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भूमि अधिग्रहण के लिए 3750 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से मुआवजे की दर निर्धारित की है.

दरअसल, किसानों की जमीन का अधिग्रहण करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने साल 2014 में दो विकल्प तय किए थे. पहला, किसान चाहे तो 2500 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा और छह फीसदी आवासीय भूखंड प्राप्त कर सकते हैं. दूसरा, वे 3500 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा ले सकते हैं और तब उनको छह फीसदी आवासीय भूखंड नहीं मिलेगा.

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इसके बाद 23 फरवरी 2016 को जारी शासनादेश को लेकर 9 मार्च 2016 को प्राधिकरण की 104वीं बोर्ड बैठक हुई थी. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि किसानों से सीधे क्रय की गई जमीन के एवज में सिर्फ 3500 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से ही मुआवजा दिया जाएगा. उस समय तक किसानों से सिर्फ सहमति के आधार पर जमीन लेने का प्रावधान लागू हो चुका था. इसलिए फैसला हुआ कि किसानों को इसके अतिरिक्त कोई अन्य लाभ देय नहीं होगा.

बताया जाता है कि ये प्रावधान तभी से लागू है. 5 अप्रैल 2022 को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 126वीं बोर्ड बैठक हुई थी जिसमें भूमि अधिग्रहण को लेकर नीति में कुछ बदलाव की उम्मीद की जा रही थी लेकिन इस बैठक में मुआवजे की दर में महज 250 रुपये का इजाफा किया गया. 126वीं बोर्ड बैठक में 3750 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा दिए जाने का निर्णय लिया गया.

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सात साल पुराने इस फैसले पर ही अब भी अमल कर रहा है. साल 2016 से पहले जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है, वे 6% आवासीय प्लॉट के लिए पात्र हैं. किसानों को नियमानुसार मुआवजा और आबादी भूखंड अब भी देय है. इन सभी पात्र किसानों के लिए छह फीसदी आबादी भूखंड नियोजित किए जा रहे हैं.

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु माहेश्वरी के निर्देश पर किसानों को आबादी भूखंड दिए जाने पर तेजी से काम हो रहा है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ने आश्वासन दिया है कि सभी पात्र किसानों  को आवासीय भूखंड दिए जाएंगे. इस  फैसले में कोई बदलाव नहीं हुआ है. उन्होंने ये भी कहा कि आवासीय भूखंड के लिए पात्र किसी भी किसान को परेशान होने की जरूरत नहीं है.

 

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