नोएडा और ग्रेटर नोएडा के पास जीरो पॉइंट पर बुधवार को बड़े पैमाने पर किसान यूनियनों का शक्ति प्रदर्शन होने जा रहा है. इसमें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी शामिल होंगे. यह प्रदर्शन मुख्यतः नोएडा में आंदोलनकारी किसानों की मांगों को लेकर है, जिन्हें हाल ही में दलित प्रेरणा स्थल से जबरदस्ती हटाया गया था.
इस मुद्दे पर मंगलवार शाम को मुजफ्फरनगर के सिसौली में एक आपातकालीन बैठक आयोजित की गई. सिसौली भारतीय किसान यूनियन का मुख्यालय है. इस बैठक की अध्यक्षता यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने की. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि उत्तर प्रदेश के 18 जोन में से 5 जोन के किसान ग्रेटर नोएडा में प्रदर्शन करेंगे. ये जोन सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, आगरा और मुरादाबाद हैं. बाकी जोन के किसान अपने-अपने स्थानों पर प्रदर्शन कर स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे.
बता दें कि सोमवार को किसान प्रदर्शनकारियों ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना ऑथोरिटी के खिलाफ दिल्ली कूच किया और सड़क जाम कर दी थी. इस मुद्दे पर अधिकारियों ने मुख्य सचिव स्तर की बातचीत का आश्वासन दिया था लेकिन किसान अब बुधवार को एक बार फिर अपने मांगों को लेकर अल्टीमेटम दे सकते हैं.
किसानों की दो मुख्य मांगें हैं. पहली, अधिग्रहित जमीन का 10% हिस्सा उन्हें पूर्ण रूप से विकसित करके दिया जाए. दूसरी, 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के तहत उन्हें उचित मुआवजा प्रदान किया जाए. ग्रेटर नोएडा की मीटिंग में आगे की रणनीति पर किसानों द्वारा विचार किया जाएगा. यह शक्ति प्रदर्शन किसानों की एकजुटता और उनके संघर्ष की अटूट ताकत का प्रतीक होगा.
योगी सरकार ने 5 सदस्यीय का गठन किया
नोएडा में चल रहे किसानों के प्रदर्शन के संबंध में मुआवजे आदि को लेकर योगी सरकार ने प्रमुख सचिव अवस्थापना की अगुवाई में 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. समिति से 1 माह में रिपोर्ट मांगी है. उक्त समिति एक माह में अध्यक्ष राजस्व परिषद की अध्यक्षता में गठित कमेटी की अनुशंसाओं पर आख्या देगी.