चीन के गांसु प्रांत में सोमवार देर रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई है. चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र (सीईएनसी) के मुताबिक, सोमवार रात 23:59 बजे उत्तर पश्चिमी चीन के गांसु प्रांत में तेज भूकंप आया. वहीं इससे पहले पाकिस्तान में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए.
गांसु के प्रांतीय आपातकालीन प्रबंधन विभाग ने बताया कि भूकंप की तीव्रता इतनी तेज रही कि कई इमारतें ध्वस्त हो गईं. चीन की सरकारी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गांसु और किंघई प्रांतों में 6.2 तीव्रता के भूकंप में कम से कम 111 लोग मारे गए हैं. 230 से अधिक घायल हो गए. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
जानकारी के मुताबिक भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान काउंटी, डियाओजी और किंघई प्रांत में हुआ है. यहां कई इमारतें गिरने से लोग मलबे में दब गए, जिन्हें निकालने में रेस्क्यू टीमें जुटी हैं. मृतकों और घायलों का आंकड़ा बढ़ सकता है.
सीईएनसी ने बताया कि भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई पर 35.7 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 102.79 डिग्री पूर्वी देशांतर में दर्ज किया गया है. आपातकालीन सेवाएं लोगों की सहायता में जुट गई हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर पीड़ितों तक मदद पहुंचाई जा रही है.
सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, आपदा रोकथाम, न्यूनीकरण और राहत के लिए चीन के राष्ट्रीय आयोग और आपातकालीन प्रबंधन मंत्रालय ने स्तर-IV आपदा राहत आपातकाल को सक्रिय कर दिया है. हालांकि उच्च ऊंचाई वाला क्षेत्र होने के कारण यहां भीषण सर्दी है, जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में समस्याएं आ रही हैं.
पाकिस्तान में भी दहली धरती
बता दें कि सोमवार को पाकिस्तान में भी 5.8 तीव्रता का भूकंप आया. हालांकि, किसी नुकसान या हताहत की कोई खबर नहीं है. राष्ट्रीय भूकंपीय निगरानी केंद्र (एनएसएमसी) के मुताबिक भूकंप 133 किमी की गहराई पर आया और इसका केंद्र भारत में जम्मू-कश्मीर था. भूकंप के झटके राजधानी इस्लामाबाद के साथ-साथ अन्य शहरों में भी महसूस किए गए.
भूकंप क्यों और कैसे आता है?
वैज्ञानिक रूप से समझने के लिए हमें पृथ्वी की संरचना को समझना होगा. पृथ्वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है और इस पर टैक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती हैं. कई बार ये प्लेट्स आपस में टकरा जाती हैं. बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं. ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है. जब इससे डिस्टर्बेंस बनता है तो इसके बाद भूकंप आता है.
कैसे मापी जाती है तीव्रता?
भूकंप को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. रिक्टर स्केल भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना होता है, इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. ये स्केल भूकंप के दौरान धरती के भीतर से निकली ऊर्जा के आधार पर तीव्रता को मापता है.