
Air India को बेचने की प्रक्रिया चल रही है. इस बीच इसके अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (CMD) अश्वनी लोहानी का एक साल का कार्यकाल समाप्त हो गया है. सरकार ने उनकी जगह भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी राजीव बंसल को नया सीएमडी बनाया है. कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने एअर इंडिया के सीएमडी के रूप में बंसल की नियुक्ति को मंजूरी दी. नगालैंड कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी बंसल पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव थे.
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महत्वपूर्ण दौर में कमान
बंसल को ऐसे समय में एअर इंडिया की कमान मिली है, जब उसमें 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया चल रही है. हाल में इसके लिए निविदा आमंत्रित की गई है जिसके लिए 17 मार्च लास्ट डेट है. सरकार ने एअर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्लान पेश कर दिया है. तमाम विरोध के बावजूद सरकार एअर इंडिया को बेचने के लिए प्रतिबद्ध है.
ये है बिक्री का प्लान
सरकार द्वारा जारी बिड डॉक्यूमेंट के मुताबिक एयर इंडिया एक्सप्रेस की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी. इसके अलावा एअर इंडिया और SATS की जॉइंट वेंचर कंपनी AISATS में एअर इंडिया की 50 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी. एअर इंडिया का मैनेजमेंट कंट्रोल भी बोली जीतने वाली कंपनी को मिल जाएगा.
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ये हैं संभावित खरीदार
सरकार ने एअर इंडिया के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (EoI)यानी अभिरुचि दिखाने के लिए 17 मार्च तक की डेडलाइन जारी की है. न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि एअर इंडिया के लिए संभावित बिडर्स में टाटा समूह, हिंदुजा, इंडिगो, स्पाइसजेट और कई निजी इक्विटी कंपनियां शामिल हैं. एअर इंडिया की नीलामी में शामिल होने के लिए कई विदेशी कंपनियां भारतीय कंपनियों से साझेदारी कर सकती हैं.
अश्वनी लोहानी को फरवरी 2019 में इस लिहाज से एअर इंडिया में वापस लाया गया था कि वह डूब रही एअर इंडिया में कायापलट करेंगे, लेकिन यह प्रयास सफल नहीं रहा. इसके पहले भी लोहानी अगस्त 2015 से अगस्त 2017 के बीच एअर इंडिया के प्रमुख बनाए गए थे. वह अगस्त 2017 से दिसंबर 2018 के बीच रेलवे बोर्ड के चेयरमैन भी थे.
एअर इंडिया पर हजारों करोड़ का कर्ज
एअर इंडिया पर हजारों करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें विमानों की खरीद और कार्यशील पूंजी हेतु लिए गए दीर्घकालिक कर्ज भी शामिल हैं. विनिवेश योजना की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी के मुताबिक, 'अब एअर इंडिया पर महज 18,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. जब इसके लिए बोली आमंत्रित की जाएगी, तो उसमें खातों में 18,000 करोड़ रुपये का कर्ज ही दिखाया जाएगा.'
बता दें कि वित्त वर्ष 2018-19 में एअर इंडिया को 8,556 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था. 7 जनवरी को गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बने एक मंत्री समूह (ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स) ने निजीकरण से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.