
रक्षा क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाते हुए रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने 5,000 करोड़ रुपये के शुरुआती निवेश के साथ नौसेना के लिए जहाज निर्माण की नई इकाई लगाने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि कारखाना विशाखापत्त्नम के पास पूर्वी तट से सटे रामबिली में स्थापित किया जाएगा.
हजारों श्रमिकों के लिए रोजगार बढ़ेंगे
इसके साथ ही इसमें 5,000 से 10,000 करोड़ रुपये का और निवेश कर रक्षा क्षेत्र से जुड़े विभिन्न उपकरणों का भी विनिर्माण किया जाएगा और इससे हजारों कुशल श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे. आंध्र प्रदेश शिखर सम्मेलन में अंबानी ने कहा कि यह रिलायंस समूह के गुजरात के पीपावाव में मौजूदा संयंत्र का पूरक होगा और इसका भारतीय नौसेना के लिए रणनीतिक संपत्ति तैयार करने पर जोर होगा.
15 साल में 3 लाख करोड़ ये ज्यादा खर्च
उन्होंने कहा, एक अनुमान के अनुसार भारतीय नौसेना पनडुब्बी बेड़े और विमान वाहक पोतों के बेड़े के आधुनिकीकरण के लिए 15 साल में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक या करीब 20,000 करोड़ रुपये सालाना खर्च करेगी. इसको देखते हुए प्रस्तावित वैश्विक स्तर के कारखाने के लिये काफी अवसर हैं.
आंध्र प्रदेश का सबसे बड़ा निवेश
अंबानी ने कहा, शुरू में इसमें 5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और आंध्र प्रदेश में किसी एक जगह पर सबसे बड़ा निवेश होगा. विविध कारोबार से जुड़े समूह के चेयरमैन ने यह भी कहा कि रिलायंस समूह का आंध्र प्रदेश के साथ मजबूत कारोबारी गठजोड़ है और उसने पहले 15,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है और राज्य में बिजली से लेकर दूरसंचार में हजारों नौकरियां सृजित की है.