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मर्डर का टेरर कनेक्शन: ISIS और IM के निशाने पर थे NIA अफसर

एनआईए अफसर मोहम्मद तंजिल की हत्या के मामले में जुटीं यूपी एटीएस और एसटीएफ अब इस मामले में टेरर एंगल से भी अपनी तफ्तीश को आगे बढ़ा रही हैं. सूत्रों के मुताबिक शुरुआती जांच से ये खुलासा हुआ है कि मोहम्मद तंजील की कोई व्यक्तिगत दुश्मनी या बड़ा संपत्ति विवाद नहीं था. उनका कार्यक्षेत्र पश्चिमी यूपी था. वो सिमी और इंडियन मुजाहिद्दीन के नेटवर्क पर काम करते थे.

शुरुआती जांच में हुआ खुलासा शुरुआती जांच में हुआ खुलासा
मुकेश कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 04 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 4:46 PM IST

एनआईए अफसर तंजील अहमद की हत्या के मामले में जुटीं यूपी एटीएस और एसटीएफ अब इस मामले में टेरर एंगल से भी अपनी तफ्तीश को आगे बढ़ा रही हैं. सूत्रों के मुताबिक शुरुआती जांच से ये खुलासा हुआ है कि तंजील अहमद की कोई व्यक्तिगत दुश्मनी या बड़ा संपत्ति विवाद नहीं था. उनका कार्यक्षेत्र पश्चिमी यूपी था. वो सिमी और इंडियन मुजाहिद्दीन के नेटवर्क पर काम करते थे.

जानकारी के मुताबिक, इस हत्याकांड की जांच में जुटी एजेंसियों की नजर अब टेरर कनेक्शन की तरफ घूम रही हैं. क्योंकि पश्चिमी यूपी में सिमी और इंडियन मुजाहिद्दीन के टेरर नेटवर्क को बस्ट करने में तंजील अहमद अहम भूमिका निभा चुके थे. वहीं इस मामले में हत्यारों का अब तक कोई पुख्ता सुराग नहीं मिला है. लेकिन जिस बेरहमी से उनको 24 गोलियां मारी गईं वो कई सवाल खड़े करता है.

अब इन सवालों के जवाब जांच एजेंसियां तंजील अहमद के बच्चों से तलाशने की कोशिश करेंगी. जो इस पूरी वारदात के चश्मदीद हैं. वारदात के वक्त तंजिल का बेटा और बेटी दोनों गाड़ी की पिछली सीट पर मौजूद थे. वह जिस शादी समारोह में शामिल होने बिजनौर गए थे उसकी फुटेज की भी जांच की जा रही है. जबकि घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली जा रही है.

हत्या में हो सकता है आंतकियों का हाथ
सूत्रों की माने तो डीएसपी तंजील अहमद की हत्या में सिमी, इंडियन मुजाहिदीन और यहां तक कि ISIS के शामिल होने का शक है. उन्होंने अपने मजबूत नेटवर्क के दम पर तीन-तीन आतंकियों संगठनों की नाक में दम कर दिया था. वो पूरे नेटवर्क को तबाह करने के लिए बड़ा मास्टरप्लान बना चुके थे. शायद इसी वजह से इस हत्या में आतंकियों का हाथ माना जा रहा है.

आतंकियों के नेटवर्क में लगा दी थी सेंध
दिल्ली के शाहदरा में रहने वाले ISIS के मोहम्मद शमी की गिरफ्तारी हुई थी. उसकी गिरफ्तारी के बाद NIA ने देशभर में ISIS और IM से जुड़े 47 लोगों को गिरफ्तार किया था. NIA की तमाम गिरफ्तारियों में डीएसपी तंजील का अहम रोल था. वेस्ट यूपी में इंडियन मुजाहिदीन, सिमी और ISIS का बड़ा नेटवर्क होने का शक है. तीनों संगठनों के नेटवर्क में तंजील ने सेंध लगा दी थी.

टेरर नेटवर्क तोड़ने का बनाया मास्टरप्लान
डीएसपी तंजील ने वेस्टर्न यूपी में आतंकी नेटवर्क तोड़ने का मास्टरप्लान तैयार कर लिया था. NIA बहुत जल्द तंजिल के मास्टरप्लान पर काम करने वाली थी. इसी बीच उनकी हत्या कर दी गई. उनकी हत्या जिस हिमाकत के साथ की गई है, उसे लेकर सबसे ज्यादा शक आतंकियों पर ही है. क्योंकि, माना जा रहा है कि वेस्ट यूपी में आतंकी संगठनों के मॉड्यूल को जड़ से ख़त्म करने के लिए वह काफी तैयारी कर चुके थे.

जयहिंद के नारे के बीच अंतिम विदाई
एनआईए अफसर तंजील अहमद को रविवार को अंतिम विदाई दी गई. जनाजे में भारी तादाद में लोग इकट्ठा हुए. सबके हाथों में तिरंगा लहरा रहे थे. ये साफ था कि एक देशभक्त अफसर की यूं हत्या हो जाने पर सबकी जेहन में गुस्सा और आक्रोश है. जनाजे पर जयहिंद के नारे लग रहे थे. इस सनसनीखेज हत्याकांड पर लोगों की तिलमिलाहट साफ-साफ देखी जा रही थी.

तंजील की हत्या से परिवार हुआ बेहाल
शहीद अफसर तंजील अहमद के भाई मोहम्मद राकिब ने कहा, 'क्या हुआ मेरे भाई को. मेरी ताकत कमजोर करके चला गया. देश के लिए उसने जान दी है. अब देखते हैं देश उसके लिए क्या करेगा. उसके मुलजिमों को कितना पकड़ेगा. मेरा भाई तो चला गया. छोटे-छोटे बच्चे छोड़ कर चला गया.' तंजील के भाई के आंसुओं के साथ निकलते इन सवालों का जवाब अब तक नहीं मिला है.

हत्या के वक्त साथ में थे पत्नी और बच्चे
पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर एनके सिंह ने बताया कि 24 गोलियां चली. बॉडी से 12 गोलियां रिकवर हुईं हैं. 9 गोलियां आर-पार हो गईं हैं. 3 गोलियां रगड़ कर निकल गईं हैं. 9 एमएम पिस्टल से गोलियां चलीं हैं. हथियार अलग-अलग थे. इसके बारे में बुलेट की फॉरेंसिक जांच से ही पता चल पाएगा. हत्या के वक्त तंजील अहमद अपनी वैगनआर कार में थे. उनके साथ पत्नी फरजाना और दो बच्चे भी थे.

कार रोक कर ताबड़तोड़ चलाई गोलियां
आईजी बरेली विजय कुमार ने बताया कि बाइक सवार दो हमलावरों ने हाथ हिला कर तंजील अहमद की कार रुकवाई. उसके बाद उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला कर भाग गए. उनके निशाने पर एनआई अफसर थे. इसलिए परिवार के अन्य लोगों को सीधे निशाने पर नहीं लिया गया. उनकी पत्नी फरज़ाना को भी गोलियां लगीं. उन्हें नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

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