Advertisement

क्षेत्रीय डिजिटल आतंकवाद-रोधी केंद्र शुरू करेगा मलेशिया

आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों के दुष्प्रचार को नाकाम करने के लिए मलेशिया सरकार ने क्षेत्रीय डिजिटल आतंकवाद-रोधी केंद्र शुरू करने का ऐलान किया है.

आतंकवादियों के साइबर हमले का जवाब देगा मलेशिया का ये सेंटर आतंकवादियों के साइबर हमले का जवाब देगा मलेशिया का ये सेंटर
परवेज़ सागर/BHASHA
  • कुआलालंपुर,
  • 27 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 3:21 PM IST

इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठनों के दुष्प्रचार को विफल करने के लिए मलेशिया ने क्षेत्रीय डिजिटल आतंकवाद-रोधी केंद्र शुरू करने की घोषणा की है. यह डिजिटल केंद्र अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात द्वारा आतंकवाद से लड़ने के लिए किए जाने वाले ऐसे उपायों की तर्ज पर शुरू किया जाना है.

उप प्रधानमंत्री अहमद जाहिद हामिदी ने कहा कि हम साम्यवादी छापेमारी और जेमाह इस्लामिया और अल-मौना जैसे आतंकी खतरों के खिलाफ हमारी लड़ाई से जुड़े अनुभवों को साझा करके अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक भूमिका निभाना चाहते हैं.

Advertisement

क्षेत्रीय डिजिटल आतंकवाद-रोधी संदेश केंद्र मई में खुल सकता है. मलेशिया में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें उसके नागरिकों को इस्लामिक स्टेट के दुष्प्रचार से प्रभावित होते हुए देखा गया है. यही वजह है कि मलेशिया ने इस चलन को उखाड़ फेंकने के लिए सतर्कता बढ़ा दी है.

उप प्रधानमंत्री हामिदी ने कहा कि आतंकवादी समूह आ और जा सकते हैं लेकिन इनके तौर तरीके और उद्देश्य समान ही रहते हैं. कट्टरपंथ हटाने और हिंसक चरमपंथ का मुकाबला करने के मुद्दे पर आयोजित सम्मेलन के बाद उन्होंने कहा कि सरकार ने इस केंद्र के लिए 4.6 करोड़ डॉलर की शुरूआती पूंजी जुटाई है.

उप प्रधानमंत्री के मुताबिक यह केंद्र अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात द्वारा अपनाए जा रहे मौजूदा प्रारूप को अपनाएगा. प्यू शोध केंद्र की ओर से किए गए अध्ययन में कहा गया था कि 11 प्रतिशत मलेशियाई नागरिकों ने इस्लामिक स्टेट का समर्थन किया है.

Advertisement

अध्ययन के इस नतीजे के बारे में हामिदी ने कहा कि इन नतीजों को आलोचनात्मक दृष्टि से देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मेरा इरादा शोध के तरीके पर सवाल उठाने का नहीं है. ज्यादा अहम बात यह है कि हिंसक चरमपंथ को रोकने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement