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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मलेशिया की तीन दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन सोमवार को राजधानी कुआलालंपुर में उनका भव्य स्वागत किया गया. मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने गले मिलकर मोदी का स्वागत किया. इसके बाद मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
सोमवार को मलेशियाई पीएम संग मोदी ने द्विपक्षीय बातचीत की. प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और मलेशिया के साझा बयान में कहा कि दोनों देश आपसी संबंध मजबूत करने और पार्टनरशिप बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. आतंकवाद को लेकर हो रही राजनीति पर उन्होंने कहा, 'आतंकवाद का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है. पूरी दुनिया को इसके खिलाफ एकजुट होना चाहिए' उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाने को लेकर चर्चा हुई है. दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियां और सेनाएं कड़े से कड़े संकट से उबरने के लिए तैयार हैं.
मोदी ने दोनों देशों के संबंधों पर जोर देते हुए कहा कि व्यापार और निवेश को और बढ़ाया जा सकता है. इनफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में मलेशिया की अलग पहचान है.
देश में बढ़ती असहिष्णुता के सवालों का पीएम मलेशिया में जवाब देते हुए कहा कि विविधता ही हिन्दुस्तान की ताकत है. सरकार हर किसी के अधिकारों की रक्षा करती है.
भारत से बताया मलेशिया का नाता
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा- 'आतंकवाद दुनिया के लिए खतरा है. दुनिया के देशों को इसके खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है.' उन्होंने कहा कि मलेशिया का भारत से पुराना नाता है. मलेशिया में रहने वालों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस का साथ दिया था और आजाद हिंद फौज में भर्ती हुए थे. सुरक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के सहयोग को लेकर उन्होंने कहा कि दोनों देश साझा अभ्यास को और आगे बढ़ाने के लिए सहमत हुए हैं. साथ ही SU-30 फोरम बनाने के लिए को लेकर भी सहमति बनी है. इसके साथ ही साइबर सिक्योरिटी का मुद्दा भी उठाया.
मोदी ने कहा- साइबर सिक्योरिटी बहुत महत्वपूर्ण है. हमारी जिंदगी नेटवर्क से जुड़ी है. यह एक बड़ी समस्या के रूप में भी उभर रहा है.
मोदी ने शनिवार को 13वें आसियान (दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के संघ) सम्मेलन में शिरकत की और रविवार को 10वें पूर्व एशिया सम्मेलन में भी हिस्सा लिया.
लिटिल इंडिया की झलक
मलेशिया की राजधानी में पीएम मोदी ने तोरण द्वार का उद्घाटन किया. इसका निर्माण सांची के स्तूप की तर्ज पर किया गया है. उन्होंने कहा कि मलेशिया में लिटिल इंडिया की पहचान बनेगा तोरण द्वार. हर साल भारत से बड़ी संख्या में पर्यटक मलेशिया जाते हैं.
दोनों देशों के बीच सुरक्षा, संस्कृति और प्रशासन को लेकर एमओयू साइन हुए हैं. दोनों देशों ने एक दूसरे के सहयोग का वादा भी किया है.