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पहलू खान हत्याकांड: हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों को CBCID ने दी क्लीन चिट

पहलू खान की मौत के मामले में सीबीसीआईडी ने भी एफआईआर में दर्ज 6 लोगों को आरोपी नहीं माना. राजस्थान सरकार ने पहले ही उन्हें आरोपी मानने से इंकार कर दिया था. यहां तक कि उनकी गिरफ्तारी भी नहीं की गई थी. पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों को आरोपी बनाया था. जिसमें से पांच लोग गिरफ्तार हुए थे जबकि दो अभी भी फरार हैं. सीबीसीआईडी ने अपनी जांच में दो और लोगों को आरोपी बनाया है.

पहलु खान की हत्या में इन पांच लोगों को CBCID ने आरोपी नहीं माना पहलु खान की हत्या में इन पांच लोगों को CBCID ने आरोपी नहीं माना
परवेज़ सागर/शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 14 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:37 PM IST

पहलू खान की मौत के मामले में सीबीसीआईडी ने भी एफआईआर में दर्ज 6 लोगों को आरोपी नहीं माना. राजस्थान सरकार ने पहले ही उन्हें आरोपी मानने से इंकार कर दिया था. यहां तक कि उनकी गिरफ्तारी भी नहीं की गई थी. पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों को आरोपी बनाया था. जिसमें से पांच लोग गिरफ्तार हुए थे जबकि दो अभी भी फरार हैं. सीबीसीआईडी ने अपनी जांच में दो और लोगों को आरोपी बनाया है.

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पहलू खान की मौत के मामले में अब तक कुल नौ लोग आरोपी बनाए जा चुके हैं. लेकिन सामाजिक संगठनों और पहलू खान के परिवार वालों का कहना है कि पहलू खान ने हिंदू संगठनों के जिन 6 पदाधिकारियों के नाम बताए थे, उन्हें सरकार के इशारे पर अब तक नहीं पकड़ा गया. अब सीबीसीआईडी ने भी उन्हें सरकार के इशारे पर क्लनचीट दी है.

सीबीसीआईडी ने एफआईआर में शामिल लोगों को आरोपी नहीं माना. सीबीसीआईडी ने इस बात को लेकर तर्क दिया कि घटना के वक्त उनकी मोबाइल लोकेशन घटना स्थल से 4 किमी. दूर की आ रही है. घटनास्थल पर मारपीट के वीडियो में सभी 6 आरोपी नहीं दिख रहे हैं. गवाहों ने भी उनके मौके पर होने की पुष्टि नहीं की है.

जबकि नए आरोपी बनाए गए दो लोगों समेत बाकि के सात आरोपी घटना स्थल पर वीडियो में मारपीट करते दिख रहे हैं. उनके वहां होने की पुष्टि मौके पर मौजूद गवाहों ने भी की है.

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इससे पहले एफआईआर में दर्ज लोगों को गिरफ्तार करने से मना करते हुए पुलिस ने तर्क दिया था कि जब पहलू खान इस इलाके का नहीं था तो उसे मारपीट करते वक्त सभी का नाम कैसे पता चल गया और कैसे याद रहा. पहलू खान की हालत ऐसी नहीं थी कि अनजान जगह पर सभी लोगों के नाम-पते उसे मालूम हो.

किसी स्थानीय व्यक्ति ने जानबूझकर उन 6 लोगों के नाम एफआईआर में दर्ज करवाए थे. इनको गिरफ्तार करने से सारा केस कमजोर हो जाता क्योंकि ये लोग मौके पर मौजूद नहीं थे. जो लोग मारपीट करते वीडियो में दिख रहे थे. उनमें से किसी का नाम एफआईआर में नहीं होने से सभी आरोपी बच जाते.

अलवर के रामगढ़ से विधायक ज्ञानदेव आहूजा का कहना है कि जिन लोगों का नाम एफआईआर में है, वो उस वक्त वहां थे ही नहीं. जो पहले तीन गाड़ियां पकड़ी गई थी. उसके लिए उन्होंने पुलिस को फोन किया था. वो लोग उसे लेकर गोशाला चले गए थे. ये लोग समाजसेवक हैं. गोशाला में एएसआई के साथ उनका फोटो भी है.

इन 6 नामजद लोगों को क्लीनचीट देने के मामले में पुलिस ने भी सीबीसीआईडी की जांच को सही ठहराया है. और जांच को पूरी तरह पारदर्शी बताया है. उधर, गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि हम पुलिस की जांच पर सवाल नहीं उठा सकते हैं.

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