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धोखाधड़ी मामले में निर्मल सिंह भंगू को CBI ने गिरफ्तार किया

पीएसीएल और इसके प्रमोटर रहे निर्मल सिंह भंगू के खिलाफ ईडी और सीबीआई का शिकंजा लगातार कसता जा रहा था. पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देश के कई शहरों में पीएसीएल के दफ्तरों पर छापे मारे थे.

पर्ल्स ग्रुप के संस्थापक निर्मल सिंह भंगू पर्ल्स ग्रुप के संस्थापक निर्मल सिंह भंगू
मुकेश कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 08 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 8:43 PM IST

पर्ल्स ग्रुप के संस्थापक निर्मल सिंह भंगू को धोखाधड़ी के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. इसके साथ ही पीएसीएल के एमडी सुखदेव सिंह, गुरमीत सिंह, सुब्रत भट्टाचार्य को भी पोंजी स्कीम केस के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया.

जानकारी के मुताबिक, पीएसीएल और इसके प्रमोटर रहे निर्मल सिंह भंगू के खिलाफ ईडी और सीबीआई का शिकंजा लगातार कसता जा रहा था. पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देश के कई शहरों में पीएसीएल के दफ्तरों पर छापे मारे थे.

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मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत दिल्ली, मुंबई, मोहाली, चंडीगढ़ और जयपुर में छापे मारे गए थे. सन् 2015 में सीबीआई की एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने पीएसीएल के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया था. इसके बाद जांच शुरू कर दी थी.

बताते चलें कि पीएसीएल ने रीयल एस्टेट प्रोजेक्ट के नाम पर बिना पूंजी बाजार नियामक की मंजूरी लिए सामूहिक निवेश योजनाएं यानी पोंजी स्कीम चलाई. इसके जरिए निवेशकों से करीब 45 हजार करोड़ रुपये जुटाए गए, जिसे वसूलने का आदेश दिया गया था.

सीबीआई जांच में हुआ था खुलासा
- पांच करोड़ निवेशकों को लूटा.
- 45 हजार करोड़ रुपये निवेशकों से इकठ्ठा किए.
- बटोरी गई बेहिसाब दौलत को निजी फायदे के लिए इस्तेमाल किया.
- इस दौलत का बड़ा हिस्सा विदेश ले गए.
- ऑस्ट्रेलिया में कारोबार शुरू किया.

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इतने लोगों से लूटे गए 45 हजार करोड़
- यूपी में ठगे गए 1.30 करोड़ निवेशक.
- महाराष्ट्र में लुटे 61 लाख निवेशक.
- तमिलनाडु में लुटे 51 लाख लुटे निवेशक.
- राजस्थान में लुटे 45 लाख निवेशक.
- हरियाणा में लुटे 25 लाख निवेशक.

ऐसे हुई सबसे बड़ी ठगी

श्रद्धा घोटाला: 2640 करोड़
चेयरमैन सुदीप्त सेन और उसके साथियों ने चिट फंड स्टाइल में लोगों से प्लॉट, फ्लैट या आर्थिक फायदे के लिए अग्रिम नकद राशि जमा कराई.

स्पीक एशिया ऑनलाइन ठगी: 2300 करोड़
मुंबई के रामनिवास पाल और राम सुमिरन पाल बंधुओं ने ऑनलाइन सदस्यता योजना शुरू की. रिवार्ड पॉइंट सिस्टम के जरिए कमाई का लालच दिया.

टीवीआई एक्सप्रेस घोटाला: 1500 करोड़
मुख्य आरोपी तरुण त्रिखा ने वेब पर कंपनी बनाई, जो 15000 रुपये में सदस्यता के बदले जबरदस्त नकद कमाई का लालच देती थी.

स्टॉक गुरु इंडिया ठगी: 500 करोड़
उल्हास प्रभाकर और उसकी पत्नी रक्षा खेरे ने दो लाख इन्वेस्टर्स को हर महीने 20 प्रतिशत कमाई का झांसा दिया.

गोल्ड सुख धोखाधड़ी: 200 करोड़
जयपुर की कंपनी ने लोगों को सोने में इन्वेस्टमेंट के जरिए 27 गुना मुनाफे का झूठा वादा किया था.

सूरत गोल्ड घोटाला: 120 करोड़
भीलवाड़ा के अभिनव गोल्ड ने सूरत में 20,000 लोगों को दो साल के लिए 6,000 रु. जमा करने की एवज में 1.72 लाख रु. लौटाने का झांसा देकर ठगा.

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