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सेनारी नरसंहार: 10 दोषियों को सजा-ए-मौत, तीन को मिली उम्रकैद

बिहार के बहुचर्चित सेनारी नरसंहार केस में जहानाबाद जिला कोर्ट ने 15 दोषियों में से 10 को मौत की सजा सुनाई है. इसके साथ ही तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा मिली है. दो दोषी अभी भी फरार हैं. इससे पहले कोर्ट ने 20 दोषियों को बरी कर दिया था. 70 आरोपियों में से 4 की मौत सुनवाई के दौरान हो चुकी है.

बिहार का बहुचर्चित सेनारी नरसंहार केस बिहार का बहुचर्चित सेनारी नरसंहार केस
मुकेश कुमार
  • पटना,
  • 15 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 4:35 PM IST

बिहार के बहुचर्चित सेनारी नरसंहार केस में जहानाबाद जिला कोर्ट ने 15 दोषियों में से 10 को मौत की सजा सुनाई है. इसके साथ ही तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा मिली है. दो दोषी अभी भी फरार हैं. इससे पहले कोर्ट ने 20 दोषियों को बरी कर दिया था. 70 आरोपियों में से 4 की मौत सुनवाई के दौरान हो चुकी है.

जानकारी के मुताबिक, 18 मार्च 1999 की रात प्रतिबंधित नक्सली संगठन उग्रवादियों ने सेनारी गांव को चारों ओर से घेर लिया था. इसके बाद एक जाति विशेष के 34 लोगों को उनके घरों से जबरन निकालकर सामुदायिक भवन के पास ले जाया गया, जहां उनकी गला रेतकर हत्या कर दी गई थी.

इस मामले में एक पीड़ित चिंता देवी के बयान पर गांव के 14 लोगों सहित कुल 70 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. चिंता देवी के पति अवध किशोर शर्मा और बेटे मधुकर की भी इस कांड में मौत के घाट उतार दिया गया था. चिंता देवी की करीब पांच साल पहले मौत हो चुकी है.

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