Advertisement

करोड़ों की मूर्ति और दुर्लभ प्रजाति के गीको छिपकली समेत तस्कर गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल पुलिस और सशस्त्र सीमा बल ने किशनगंज से नेपाल के रास्ते विदेश भेजी जा रही भगवान विष्णु की एक हजार साल पुरानी मूर्ति और दुर्लभ प्रजाति की 3 गीको छिपकली बरामद की हैं. मूर्ति की कीमत दो करोड़ रुपये बताई जा रही है, जबकि छिपकली की कीमत करीब एक करोड़ रुपये है.

पुलिस पकड़े गए आरोपी तस्कर से पूछताछ कर रही है पुलिस पकड़े गए आरोपी तस्कर से पूछताछ कर रही है
परवेज़ सागर/जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 03 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 5:27 PM IST

पश्चिम बंगाल पुलिस और सशस्त्र सीमा बल ने एक संयुक्त अभियान के तहत किशनगंज से नेपाल के रास्ते विदेश भेजी जा रही भगवान विष्णु की एक हजार साल पुरानी मूर्ति और दुर्लभ प्रजाति की 3 गीको छिपकली बरामद की हैं. मूर्ति की कीमत दो करोड़ रुपये बताई जा रही है जबकि छिपकली की कीमत करीब एक करोड़ रुपये है.

दरअसल, खुफिया सूचना के आधार पर पश्चिम बंगाल पुलिस और सशस्त्र सीमा बल ने किशनगंज में एक टाटा सूमो को रोककर तलाशी ली. गाड़ी से 14 किलोग्राम की भगवान विष्णु की मूर्ति बरामद हुई, जिसकी कीमत दो करोड़ है. यही नहीं एसएसबी ने टाटा सूमो से दुर्लभ प्रजाति की 3 गीको छिपकली भी बरामद की. जिनकी कीमत करीब एक करोड़ बताई जा रही है.

Advertisement

एसएसबी और बंगाल पुलिस ने पकड़ी गई टाटा सूमो से इमैनुअल नाम के तस्कर को गिरफ्तार किया है. जिसकी काफी समय से तलाश की जा रही थी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इमैनुअल ने तीन और लोगों के नाम बताएं हैं, जो विदेशों में बैठकर वन्य जीवों और दुर्लभ मूर्तियों की तस्करी के लिए सीमा पार कराने में इसकी मदद करते थे.

बतातें चलें कि भारत की दुर्लभ गीको छिपकलियां दवा बनाने के काम आती हैं. इसलिए इनकी तस्करी होती है. उत्तर पूर्वी भारत से लेजाकर इन छिपकलियों को दक्षिण पूर्वी एशिया में बेचा जाता है. एशिया के कई देशों में लोग इन्हें न सिर्फ खाते हैं, बल्कि एड्स जैसी बीमारियां को ठीक करने वाली दवा भी बनाते हैं.

भारत में सामान्य तौर पर वन्यजीवों पर निगाह रखने वाले लोग बाघ, गैंडे और उनके शरीर के अंगों की तस्करी पर ही ध्यान देते हैं. क्योंकि इन्हें भी चीन और दूसरे पूर्वी एशियाई देशों में दवाई के लिए बेचा जाता है. जानकार मानते हैं कि उत्तर पूर्वी भारत के मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और असम में छिपकली तस्करों की संख्या तेजी से बढ़ी है.

Advertisement

म्यांमार में रहने वाले व्यापारी इस चेन के बीच में हैं. वे इन्हें चीन, इंडोनेशिया, फिलीपीन्स और दूसरे दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में बेचते हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement