
पश्चिम बंगाल पुलिस और सशस्त्र सीमा बल ने एक संयुक्त अभियान के तहत किशनगंज से नेपाल के रास्ते विदेश भेजी जा रही भगवान विष्णु की एक हजार साल पुरानी मूर्ति और दुर्लभ प्रजाति की 3 गीको छिपकली बरामद की हैं. मूर्ति की कीमत दो करोड़ रुपये बताई जा रही है जबकि छिपकली की कीमत करीब एक करोड़ रुपये है.
दरअसल, खुफिया सूचना के आधार पर पश्चिम बंगाल पुलिस और सशस्त्र सीमा बल ने किशनगंज में एक टाटा सूमो को रोककर तलाशी ली. गाड़ी से 14 किलोग्राम की भगवान विष्णु की मूर्ति बरामद हुई, जिसकी कीमत दो करोड़ है. यही नहीं एसएसबी ने टाटा सूमो से दुर्लभ प्रजाति की 3 गीको छिपकली भी बरामद की. जिनकी कीमत करीब एक करोड़ बताई जा रही है.
एसएसबी और बंगाल पुलिस ने पकड़ी गई टाटा सूमो से इमैनुअल नाम के तस्कर को गिरफ्तार किया है. जिसकी काफी समय से तलाश की जा रही थी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इमैनुअल ने तीन और लोगों के नाम बताएं हैं, जो विदेशों में बैठकर वन्य जीवों और दुर्लभ मूर्तियों की तस्करी के लिए सीमा पार कराने में इसकी मदद करते थे.
बतातें चलें कि भारत की दुर्लभ गीको छिपकलियां दवा बनाने के काम आती हैं. इसलिए इनकी तस्करी होती है. उत्तर पूर्वी भारत से लेजाकर इन छिपकलियों को दक्षिण पूर्वी एशिया में बेचा जाता है. एशिया के कई देशों में लोग इन्हें न सिर्फ खाते हैं, बल्कि एड्स जैसी बीमारियां को ठीक करने वाली दवा भी बनाते हैं.
भारत में सामान्य तौर पर वन्यजीवों पर निगाह रखने वाले लोग बाघ, गैंडे और उनके शरीर के अंगों की तस्करी पर ही ध्यान देते हैं. क्योंकि इन्हें भी चीन और दूसरे पूर्वी एशियाई देशों में दवाई के लिए बेचा जाता है. जानकार मानते हैं कि उत्तर पूर्वी भारत के मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और असम में छिपकली तस्करों की संख्या तेजी से बढ़ी है.
म्यांमार में रहने वाले व्यापारी इस चेन के बीच में हैं. वे इन्हें चीन, इंडोनेशिया, फिलीपीन्स और दूसरे दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में बेचते हैं.