कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने जानकारी दी कि 4 महीने में आतंकियों के खिलाफ 27 ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. इसी ऑपरेशन में हिज्बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर रियाज़ नायकू को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था. विजय कुमार ने आतंकी के एनकाउंटर के पीछे की पूरी कहानी सुनाई. आइए जानते हैं कौन हैं विजय कुमार.
दिसंबर 2019 में जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में नए पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) के तौर पर के. विजय कुमार को नियुक्त किया गया था. कुमार 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्होंने एस. पी. पाणि की जगह ये पद संभाला है.
विजय पहले छत्तीसगढ़ सेक्टर में सीआरपीएफ में आईजी थे. उन्होंने 2018 में कई राज्य चुनावों के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रपति की ओर से चुनाव आयोग पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
इसके अलावा उन्हें आतंकवाद-रोधी अभियानों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए केंद्र सरकार से तीन वीरता पदक भी मिल चुके हैं. वे जम्मू-कश्मीर सरकार से भी वीरता पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं.
इन आंदोलन में हुए शामिल
सिर्फ आतंकवाद-रोधी अभियान ही नहीं, विजय कुमार ने 2016 में जाट आंदोलन में भी अपनी जिम्मेदारी निभाई थी.
विजय कुमार ने अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से की है.
आपको बता दें, विजय जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहले आईजी नियुक्त किए गए हैं.
विजय कुमार ने रियाज़ नायकू की एनकाउंटर की कहानी बताते हुए कहा कि जिस घर में रियाज छुपा था, वहां पहले पुलिस ने घेराबंदी की और उसके बाद आर्मी वहां पर आई. पहले दिन घर में कुछ नहीं मिला था, लेकिन हमें पता था कि वहां वो छुपा है. इसलिए अगले दिन फिर एक्शन लिया गया.
आपको बता दें, इस एनकाउंटर में रियाज नायकू के अलावा हैदर को भी मारा गया है.
विजय कुमार ने बताया कि हैदर भी पाकिस्तानी आतंकी था और मूसा का राइट हैंड माना जाता था.
(फोटो- फेसबुक)