इसमें कोई शक नहीं है कि महिलाएं अपने परिवार और बच्चों के खातिर कई मुश्किलों का सामना करती हैं. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हम आपके लिए एक ऐसी महिला की कहानी लेकर आए हैं जो 45 साल की उम्र में टायर पंक्चर लगाने का काम कर रही हैं.
लोगों का मानना है कि ये काम पुरुषों का होता है लेकिन हर क्षेत्र में महिलाएं आज अपनी पहचान बना रही है. आज कोई काम ऐसा नहीं है जो महिलाएं नहीं कर सकती है.
कौन हैं टायर पंचर ठीक करने वाली महिला
मध्यप्रदेश की रहने वाली 45 साल की महिला अपनी घर-गृहस्थी को चलाने के लिए टायर पंक्चर लगाने का काम करती हैं.
न्यूज एजेंसी ANI को इंटरव्यू देते हुए महिला ने बताया 'मेरे माता- पिता भी टायर पंक्चर लगाने का काम करते थे. लेकिन पिता के निधन के बाद मैंने अपनी मां का साथ इस काम में दिया.
जब मेरे पति का भी निधन हो गया है, उसके बाद मैं अपनी मां के घर शिफ्ट हो गई. परिवार का खर्चा चलाने के लिए 20 से 25 साल से ये काम कर रही हूं. बता दें, महिला की तीन बेटियां हैं.
महिला ने बताया- बेटी की पढ़ाई -लिखाई के लिए मैं दिन- रात काम करती हूं. काम के दौरान में सूट-सलवार नहीं बल्कि पेंट और शर्ट पहनती हूं.
जब भी मैं टायर पंक्चर लगाने के काम पर जाती हूं तो कभी ख्याल नहीं आया कि मैं एक महिला हूं.
टायर पंक्चर लगाना मैं बखूबी जानती हूं और ये भी जानती हूं इसी काम की वजह से मेरी जीविका चल रही हैं. बता दें, महिला की दो बेटी की शादी हो चुकी है और एक बेटी पढ़ाई कर रही है.
टायर पंक्चर लगाने का काम आसान नहीं होता है, महिला इस काम के लिए काफी मेहनत करती है. वहां के एक व्यक्ति विनोद कुमार ने कहा, "इस उम्र में महिला को ऐसे काम करते हुए अच्छा नहीं लगता, लेकिन वह अपने परिवार के खातिर ये काम कर रही है. सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए'.