कोरोना वायरस संक्रमण के लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए देश के दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत देश के 10 से अधिक राज्यों में लॉकडाउन कर दिया गया है. लेकिन लॉकडाउन के बावजूद भी ऐसा देखा जा रहा है कि लोग अपने घरों से निकल रहे हैं. ऐसे में विभिन्न शहरों में प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं. कुछ शहरों में ऐसी धाराएं लगाई गईं हैं जिन्हें तोड़कर लॉकडाउन में बिना इमरजेंसी के बाहर निकलने पर आप पर कार्रवाई भी हो सकती है. जानिए- क्या है लॉकडाउन का कानूनी पहलू.
फोटो- दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान की एक तस्वीर
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लॉकडाउन की स्थिति को भी लोगों द्वारा सीरियस न लेने पर प्रधानमंत्री ने ट्वीट करके राज्य सरकारों से इसे सख्ती से लागू करने को कहा है. प्रधानमंत्री ने ट्वीट पर लिखा था कि लॉकडाउन को अभी भी कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. कृपा करके अपने आप को बचाएं, अपने परिवार को बचाएं, निर्देशों का गंभीरता से पालन करें. राज्य सरकारों से मेरा अनुरोध है कि वो नियमों और कानूनों का पालन करवाएं.
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सुबह बढ़ती भीड़ के बाद गाजियाबाद एसएसपी ने कहा है कि जो लोग प्रशासन के लॉकडाउन के निर्देश का पालन नहीं करने वाले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि इस धारा के तहत तब कार्रवाई तब की जाती है जब प्रशासन कोई जरूरी आदेश जारी करता है और उसका पालन नहीं किया जाता.
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ये होती है सजा
इस सेक्शन 188 को न मानने वालों पर एक माह के साधारण कारावास या जुर्माना या जुर्माने के साथ कारावास की सजा दोनों हो सकते हैं. ये जुर्माना 200 रुपये तक हो सकता है.
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छह महीने तक हो सकती है जेल
यही नहीं, अगर ये अवज्ञा मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा के लिए खतरे का
कारण बनती है, या दंगे का कारण बनती है. तब ये सजा छह महीने के कारावास या
1000 रुपये जुर्माना हो सकती है. या दोनों चीजें एक साथ हो सकती हैं. इसमें
ये जरूर देखा जाता है कि कहीं आरोपी का नुकसान पहुंचाने का इरादा तो नहीं
था या नुकसान की संभावना के रूप में उसकी अवज्ञा पर विचार किया जाता है.
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महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित लोग सामने आए हैं. इसे देखते हुए महाराष्ट्र में सोमवार से धारा 144 लागू कर दी गई है. इस धारा के तहत सड़क पर एक साथ 5 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते.यहां ये भी नियम लागू है कि जिनके हाथ पर सेल्फ क्वारनटीन की मुहर लगी है उन्हें अपने परिजनों से दूर रहना होगा.
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वहीं कुछ शहरों जैसे दिल्ली-नोएडा से लेकर इंदौर तक धारा 144 लागू कर दी गई है. भारतीय दंड संहिता की इस धारा के भी अपने प्रावधान हैं. जानें- धारा 144 के उल्लंघन पर क्या सजा मिल सकती है.
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बता दें कि ये धारा उन हालातों में लागू की जाती है जब कहीं भी किसी भी शहर में इस तरह से हालात बिगड़ने की संभावना होती है जिससे
आम नागरिकों और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचे. उस दौरान धारा-144 लगा
दी जाती है.
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देश के विभिन्न शहरों में ये धारा हेल्थ एमरजेंसी के तहत लगाई गई ताकि लोगों का स्वास्थ्य न प्रभावित हो और कोरोना को थर्ड स्टेज यानी कम्युनिटी तक पहुंचने से रोका जा सके. इस धारा को लागू करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट यानी जिलाधिकारी
एक नोटिफिकेशन जारी करता है. जिस जगह भी यह धारा लगाई जाती है, वहां चार
या उससे ज्यादा लोग जमा नहीं हो सकते हैं.
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हो सकती है एक साल की जेल
जो
भी नागरिक धारा-144 का उल्लंघन करता है. उस व्यक्ति को पुलिस गिरफ्तार कर
सकती है. उस व्यक्ति की गिरफ्तारी धारा-107 या फिर धारा-151 के तहत की जा
सकती है. इस धारा का उल्लंघन करने वाले या पालन नहीं करने के आरोपी को एक
साल कैद की सजा भी हो सकती है. वैसे यह एक जमानती अपराध है, इसमें जमानत भी
हो जाती है.
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