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कोरोना: 46 साल पहले भी इस वजह से रुक गई थीं 80 फीसदी ट्रेनें

aajtak.in
  • 24 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 7:18 PM IST
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देश भर में कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए रेल मंत्रालय ने देशभर की रेलवे सेवाएं बंद कर दी हैं. सोमवार रात को रेल मंत्रालय की ओर से ट्वीट कर लिखा गया, ‘भारतीय रेल कभी युद्धकाल में भी नहीं रुकी थी, कृपया परिस्थतियों की गंभीरता को समझिए. अपने घर में ही रहिए.’ ये वो ट्वीट है जो बताता है कि रेलवे ने किस तरह इतने साल बिना रुके सेवाएं दी हैं. आइए जानते हैं कि रेलवे के इतिहास में कब कब रेलवे की रफ्तार कम हुई, इसके पीछे क्या थी वजह.

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भारतीय रेलवे की बात करें तो रेलवे सेवा एक दिन में 2.3 करोड़ यात्र‍ियों को हर दिन उनके गंतव्य तक पहुंचाती है. रेलवे ने इतनी प्रगति कर ली है कि मौजूदा वक्त में तकरीबन 12000 ट्रेनें सेवाएं दे रही हैं.

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इंडियन रेलवे ने देश के सबसे ज्यादा व्यक्त‍ियों को रोजगार से भी जोड़ रखा है. वर्तमान में भारतीय रेलवे में सबसे ज्यादा करीब 14 लाख कर्मचारी हैं. इसके अलावा संविदा पर भी हजारों कर्मचारी काम कर रहे हैं.

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इसलिए रोकी गई रेलवे

ऐसा देखने में आया है कि मध्य प्रदेश और उड़ीसा में मिले कोरोना संक्रमित मरीजों ने रेलयात्रा की थी. इसके अलावा बेंगलुरु में गूगल कर्मचारी की पत्नी ने भी आगरा जाने के लिए प्लेन के अलावा ट्रेन का इस्तेमाल किया था. रेल यात्रियों की पहचान और उनके पते खोजकर उन्हें आइसोलेट कर पाना भी चुनौतीपूर्ण है, ये भी एक बड़ी वजह है.

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ये बात सही है कि रेलवे के इतिहास में एक साथ कभी पूरी ट्रेन व्यवस्था नहीं बंद की गई. अब ट्रेन रुकने पर रेलवे विभाग का काम सबसे ज्यादा बढ़ गया है. लेकिन, ऐसा सब कुछ पहली बार हो रहा है इसलिए विभाग में भी क‍िसी को कोई अंदाजा नहीं है.


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वहीं रेलवे यूनियन उस दौर के बारे में याद कर रहा है जब यूनियन ने साल 1974 में बड़ी हड़ताल की थी. तब कर्मचारी यूनियन ने अपनी मांगों को मनवाने के लिए मई 1974 में 20 दिन की हड़ताल की.

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ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने बीबीसी को बताया कि उस वक्त गाड़ियां इतनी नहीं थीं, जितनी आज हैं. ये संख्या काफी कम थी. मगर, स्थितियां बिगड़ गईं थीं. यूनियन की हड़ताल से ट्रेनें रुक गई थीं तो केंद्र सरकार ने फोर्स लगा कर 20 प्रतिशत गाड़ियां चलवाई थीं. 80 प्रतिशत गाड़ियां यूनियन ने फिर भी नहीं चलने दी थीं.

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बता दें कि कोरोना के कहर के चलते सिर्फ पैसेंजर ट्रेन को बंद कर दिया गया है. रेलवे ने मालगाड़ी को चलने की इजाजत दी है. बाकी रेलवे इस दौरान बहुत कम कर्मचारियों से सेवाएं ले रहा है.

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बता दें कि सिर्फ रेल सर्विस ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग शहरों में चलने वाली मेट्रो को भी बंद कर दिया गया है. दिल्ली, नोएडा, कोलकाता, बेंगलुरु, मुंबई, कोच्चि, नागपुर समेत अन्य मेट्रो की सर्विस को 31 मार्च तक के लिए बंद किया गया है.



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इसके अलावा मंगलवार देर रात से देश में स्थानीय हवाई सेवा पर भी रोक लगा दी गई थी. इससे पहले ही अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवा पर रोक लगा दी गई थी और विदेशी यात्रियों के भारत आने पर रोक लग चुकी है. कई राज्य सरकारों ने कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए अंतरराज्यीय बस सर्विस को रोका है

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