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कोरोना से कैसे बच पाएंगे दुर्लभ बाघ-शेर? वाइल्डलाइफ विशेषज्ञ से जानें

aajtak.in
  • 07 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 8:04 PM IST
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न्यूयॉर्क के ब्रोंक्स जू में दुर्लभ मलय प्रजाति की मादा बाघ का कोरोना वायरस टेस्‍ट पॉजिटिव आया है. इस एक खबर ने पूरे वाइल्ड लाइफ जगत को हिलाकर रख दिया है. दुनिया में पहले से संकटग्रस्त और दुर्लभ मलय प्रजाति की इस बाघ‍िन  के अलावा तीन अन्य बाघों और तीन दुर्लभ प्रजाति के अफ्रीकी शेरों में भी सूखी खांसी के लक्षण पाए गए हैं. वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ से जानते हैं कि क्या हम कोरोना के कहर से इन दुर्लभ नस्लों को बचा पाएंगे और भारत में इसे लेकर कैसी तैयार‍ियां हैं.

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बाघ की इस खबर के सामने आने के बाद मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज की तरफ से 6 अप्रैल को देश की सभी वाइल्ड लाइफ सैंक्चरी को एडवाइजरी जारी की गई है. इस एडवाइजरी में सभी से दस खास सावधानियां बरतने को कहा गया है.

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एडवाइजरी में कहा गया है कि सभी राष्ट्रीय पार्कों / अभयारण्यों / टाइगर रिजर्व में मनुष्यों से जानवरों में वायरस फैलने को तत्काल रोकने के प्रयास हों. इसके अलावा मानव वन्यजीव इंटरफेस को कम करने की सलाह भी दी गई है.

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राष्ट्रीय उद्यानों / अभयारण्यों / बाघ अभयारण्यों में लोगों की आवाजाही पर रोक लगाने के अलावा फील्ड मैनेजर्स, वेटरनरी डॉक्टरों, फ्रंटलाइन स्टाफ के साथ एक टास्क फोर्स / रैपिड एक्शन फोर्स का गठन करने को कहा गया है ताकि स्थिति को जल्द से जल्द प्रबंधित किया जा सके.

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पूरी दुनिया के जंगलों में लगभग 4000 टाइगर बचे हैं, इनमें से 2800 के करीब भारत के जंगलों में रह रहे हैं. अब देश के सामने ऐसे तमाम दुर्लभ जीवों को बचाने की चुनौती है. वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ सुहैल मदन बताते हैं कि भारत में एश‍ियन एलिफैंट, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड चिड़‍िया, इंडियन राइनो और इंडियन एश‍ियाटिक लॉयन जैसी सैकड़ों दुर्लभ प्रजाति हैं जो एक तरह से देश की धरोहर हैं. इन सबको बचाने के लिए सरकार की तरफ से पूरी कोश‍िशें की जा रही हैं.

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वाइल्ड लाइफ पर काम कर रहे संजय कबीर बताते हैं कि इससे पहले अन्य पालतू जानवरों की तुलना में बिल्लियों पर कोरोना वायरस के संक्रमण के ज्यादा खतरे के प्रति आगाह किया गया था. फिर बेल्ज‍ियम में एक ब‍िल्ली का भी टेस्ट पॉजिटिव आया. इस बिल्ली को सांस लेने में दिक्कत और अपच जैसे लक्षण थे.

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वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ सुहैल कहते हैं कि इसमें इंसानों की भी जिम्मेदारी है कि वो पशुओं में संक्रमण को बचाने में मददगार बनें. घर के पालतू पशु हों या वन्यजीव, सभी से इंसानों की दूरी ही बचाव का बेहतर जरिया हो सकती है.

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वाइल्‍डलाइफ कंजरवेशन सोसाइटी के बयान के अनुसार न्यूयॉर्क के ब्रोंक्स जू में ज‍िन वन्यजीवों में संक्रमण की आशंका जताई गई है, उनके खाने की इच्‍छा में भी कुछ कमी देखी गई है. वैसे इसके बावजूद ब्रांक्‍स जू के ये जानवर ठीक हैं और इन्‍हें वेटरेनरी केयर में रखकर इनकी हालत पर बारीकी से नजर रखी जा रही है.

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