पिछले कुछ हफ्तों से, ये संभावना जताई जा रही है कि कोरोना वायरस देश में थर्ड स्टेज पर पहुंच जाएगा. जिसका अर्थ है सामुदायिक संक्रमण. यानी आम जनजीवन के बीच जाने-अनजाने इस संक्रमण का फैलना. अभी ये वायरस भारत में सेकेंड स्टेज पर है. हालांकि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिक यह पता लगाने में लगे हुए हैं कि भारत में सामुदायिक संक्रमण शुरू हुआ है या नहीं. आइए ऐसे में जानने की कोशिश करते हैं कि कोई महामारी कैसे एक स्टेज से दूसरे स्टेज में पहुंचती है.
क्या है सामुदायिक संक्रमण
आईसीएमआर के अनुसार कोरोना वायरस फैलने के चार स्टेज हैं. जिसका तीसक स्टेज सामुदायिक संक्रमण यानी कम्यूनिटी ट्रांसमिशन.
तीसरी स्टेज पहले और दूसरी स्टेज से खतरनाक है. अगर साफ शब्दों में कहे तो ये ऐसी स्टेज है, जिसे कंट्रोल करना काफी मुश्किल है और इस स्टेज में लोगों कि संक्रमित होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है.
सामुदायिक संक्रमण में कोई व्यक्ति किसी ज्ञात संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना या वायरस से संक्रमित देश की यात्रा किए बिना ही इसका शिकार हो जाता है. यानी संक्रमण लोगों के बीच जाने-अनजाने में फैलना शुरू हो जाता है.
इसके बाद फिर तीसरे चरण में यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि संक्रमित व्यक्ति को संक्रमण कहां और किससे फैला है. इस संक्रमण को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाते हैं.
जानें- क्या है पहला स्टेज
पहले स्टेज में वह लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए जो दूसरे देश से संक्रमित होकर भारत में आए हैं. ये स्टेज भारत पार कर चुका है.
जानें-क्या है दूसरा स्टेज
दूसरे चरण में स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैलता है, लेकिन ये वे लोग होते हैं जो किसी ना किसी ऐसे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, या फिर संक्रमित देश से यात्रा करके लौटे हैं.
आपको बता दें, इस वायरस की फोर्थ स्टेज भी है जिससे इटली और चीन गुजर चुके हैं. जिसेमें ये वायरस एक ऐसी महामारी का रूप ले लेता है जिसमें लाखों लोगों की मौत हो सकती है. कुछ देशों में ये वायरस फोर्थ स्टेज पर आ चुका है जिससे छुटकारा पाना मुश्किल लग रहा है.
बता दें कि देश में इस संक्रमण को रोकने के लिए कई राज्यों में लॉकडाउन किया गया है. लोगों से अपील की गई है कि वो घर में रहें. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर केके अग्रवाल का कहना है कि कोरोना के संक्रमण को थर्ड स्टेज में जाने से रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और संक्रमण की संभावना वाले लोगों का आइसोलेशन करना बहुत जरूरी है.