देश के सबसे प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट IIT में एडमिशन का सपना कौन नहीं देखता. पर कुछ छात्रों का ही यह सपना पूरा हो पाता है. रविवार को जब IIT-JEE Advanced के नतीजे जारी किए गए. तब आईआईटी में पढ़ने का सपना कई छात्रों का सच हो गया.
पास होने वाले छात्रों की टॉप-50 लिस्ट में जतिन लांबा भी शुमार हैं. जतिन के पिता आटा-चक्की चलाते हैं. जतिन 3 भाई हैं, लेकिन उनके पिता ने कभी अपनी आर्थिक परेशानियों को बच्चों के विकास के आड़े नहीं आने दिया. बस अपनी जरूरतों को सीमित कर दिया.
जतिन ने IIT-JEE की तैयारी 10वीं कक्षा से ही शुरू कर दी थी. तैयारी का ही नतीजा था कि 12वीं की CBSE बोर्ड परीक्षा में जतिन को 97 फीसदी अंक मिले. जतिन ने 12वीं में अपने स्कूल में टॉप किया.
बेटे के जुनून को देखने के बाद ही बजट से बाहर होने के बावजूद जतिन के पिता ने उनका एडमिशन नारायणा इंस्टीट्यूट में करा दिया. जतिन ने भी उनकी उम्मीदों पर पानी नहीं फेरा और कामयाब होकर दिखाए.
लेकिन जतिन के लिए रोजाना इंस्टीट्यूट जाना और फिर स्कूल भी अटेंड करना आसान नहीं था. घर से इंस्टीट्यूट की दूरी काफी थी, इसलिए वो हर दिन सुबह ट्रेन से दिल्ली के पंजाबी बाग जाते और कोचिंग क्लास अटेंड करते थे.
IIT-JEE की तैयारी के लिए जतिन ने पिछले एक साल से अपने मोबाइल को हाथ भी नहीं लगाया.
जतिन अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां और पापा के संघर्ष को देते हैं. खुद की मेहनत पर भरोसा रखने वाले जतिन यकीन था कि उनका नाम टॉप-50 में तो आएगा ही.
जतिन को ऑल इंडिया 33वां रैंक मिला है. वो IIT Bombay से computer science की पढ़ाई कर बीटेक करना चाहते हैं. जतिन की सफलता के पीछे जो महत्वपूर्ण बाते थीं, उसमें उनका मोबाइल से दूरी और कड़ी मेहनत सबसे महत्वपूर्ण है.
JEE (Advanced) में छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर ही Indian Institutes of Technology (IITs) और Indian School of Mines (ISM), Dhanbad में एडमिशन तय होगा. Joint Seat Allocation Authority (JoSAA) 7 राउंड में एडमिशन प्रक्रिया पूरी करेगी, ताकि IITs की सभी सीटों पर एडमिशन सुनिश्चित किया जा सके. आमतौर पर 2 राउंड एडमिशन प्रक्रिया चलती है, पर पिछले साल 6 राउंड लिया गया, फिर भी 9660 सीट में 73 खाली ही रह गए.इस साल JoSAA IITs, NITs, IIITs and GFTIs के लिए एडमिशन लेगा. बता दें कि देश के 23 IITs में करीब 11,0 00 सीटें मौजूद हैं.