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पुरुषों का खेल फुटबॉल क्यों पसंद है? ये जवाब देकर IAS बनी ये लड़की

मानसी मिश्रा
  • 06 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 10:20 PM IST
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UPSC 2018 में 97वीं रैंक पाने वाली देहरादून की हिमाद्री कौशिक ने 11 मॉक इंटरव्यू दिए जिसमें उन्हें इतना अच्छा रिसपांस नहीं मिला. लेकिन यूपीएससी के इंटरव्यू में उनकी वाकपटुता और आत्मविश्वास ने बोर्ड के लोगों को बहुत प्रभावित किया. बता दें कि वो यूपीएससी की परीक्षा में दूसरी प्रयास में सफल हुई हैं. इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाली हिमाद्री ने कैसे की मेन्स के बाद इंटरव्यू की तैयारी, स्ट्रेटजी जानकर आपको हैरानी होगी. यहां पढ़ें.


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देहरादून की रहने वाली हिमाद्री के पिता राजीव कौशिक मर्चेंट नेवी के पूर्व चीफ इंजीनियर हैं. उनकी इकलौती बेटी हिमाद्री कौशिक ने सिविल सेवा परीक्षा में दूसरी बार सफलता पाई है.

फोटो: अपने पेरेंट्स के साथ हिमाद्री

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हिमाद्री ने 10वीं में 98.7 और बारहवीं में 97.3 प्रतिशत अंक हासिल किए थे. अर्थशास्त्र हमेशा से उनका फेवरेट विषय रहा. 12वीं के बाद बिट्स पिलानी गोवा से केमिकल इंजीनियरिंग और एमएससी इकोनोमिक्स की ड्यूल डिग्री हासिल की.

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हिमाद्री ने इंजीनियरिंग के बाद सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी. हिमाद्री की मां ललिता कौशिक हमेशा से उनकी प्रेरणा रहीं, क्योंकि पिता अक्सर अपने काम से बा‍हर रहते थे. बता दें कि हिमाद्री ने आईएएस बनने के बाद शादी की. उनके पति आयुष सिन्हा भी हरियाणा कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. आयुष ने 2017 की सिविल सेवा परीक्षा में पूरे देश में सातवीं रैंक हासिल की थी.

फोटो: हिमाद्री की शादी की तस्वीर

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हिमाद्री ने एक वीडियो इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने किस तरह इंटरव्यू की तैयारी की थी. वो कहती हैं कि कभी भी इंटरव्यू में ये सोचकर न जाएं कि आपकी भाषा या आपकी ज्ञान की परख होगी. यहां बोर्ड ये देखता है कि आपमें आत्मविश्वास कितना है. इसलिए कभी भी संकोच न करें.

फोटो: अपनी दोस्त के साथ हिमाद्री

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वो कहती हैं कि वैसे ये बात कहीं लिखित रूप से नहीं है लेकिन मेरा मानना है कि इंटरव्यू की तैयारी के लिए आपको स्टडी नहीं करनी. वो आपसे बहुत फैक्ट आधारित सवाल नहीं पूछेंगे, वो आपकी विश्लेषणात्मक क्षमता का आंकलन करते हैं. वो ये देखते हैं कि आपमें कितनी क्षमता है परिस्थितियों को परखकर उनके मुताबिक प्रतिक्रिया देने की.


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वो कहती हैं कि कोशिश करें कि इंटरव्यू के दौरान वहां बैठे लोगों से बहस न करें. इसके लिए आपको इस आदत से बचना चाहिए. वो अपना उदाहरण देते हुए बताती है कि मैंने अपने DAF यानी डिटेल एप्लीकेशन फॉर्म में हॉबी में लिखा था कि मुझे फुटबॉल खेलना पसंद है. इस पर मुझसे पूछा गया कि अरे आपको फुटबॉल क्यों पसंद है, ये तो पुरुषों का खेल है, रफ गेम है.

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इस पर हिमाद्री ने जवाब देने के बजाय मुस्कुरा दिया और फिर कहा कि सर, बस मुझे पसंद है. उनके कॉन्फीडेंस और हंसी को देखकर वहां बोर्ड में बैठे दूसरे लोग भी मुस्कुराने लगे. वो बताती हैं कि इसके बाद मुझसे भारतीय फुटबॉलर के बारे में भी पूछा जिसके जवाब में मैंने नेशनल टीम के बारे में बताया. हिमाद्री कहती हैं कि आप डीएएफ में जो भरें उसकी तैयारी जरूर कर लें.

सभी फोटो: Facebook से

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