प्री, मेन्स और इंटरव्यू क्लीयर करने के बाद IAS अफसर बनने का सफर शुरू होता है. इस सफर में सबसे पहला दौर होता है ट्रेनिंग का. ट्रेनिंग के दौरान एक आईएएस अफसर को उन सभी बाधाओं का सामना करना सिखाया जाता है, जो उनमें आत्मविश्वास भरता है. अगर आप भी IAS बनने का सपना देख रहे हैं तो जानिए कैसे होती है आईएएस अफसरों की ट्रेनिंग. किन चुनौतियों का सामना करते हैं ट्रेनी IAS.
Image Credit: LBSNAA_Official
IAS परीक्षा में पास होने के बाद उम्मीदवार सबसे पहले लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (LBSNAA) आता है. ये वो संस्थान है जहां सीनियर प्रशिक्षक अफसरों की टीम ट्रेनी आईएएस को पूरी ट्रेनिंग देती है.
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ऐसा होता है पहला चरण
पहले चरण में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रशिक्षुओं को कई प्रकार के विषयों में कठोर प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके पीछे लक्ष्य होता है कि एक अफसर के तौर पर नौकरी के पहले दशक में आने वाली तमाम चुनौतियों और अपने कामों को करने में सक्षम बनाया जा सके. इसमें जिला प्रशिक्षण होता है. इससे पहले दो मॉड्यूल में ट्रेनिंग होती है.
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पहला होता है शीतकालीन अध्ययन टूर
ये पहला टूर होता है जिसमें Probationers यानी ट्रेनी आईएएस अफसर देश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को करीब से महसूस करते हैं. इस टूर के जरिये वो भारत दर्शन करते हैं. वो पूरे भारत में भ्रमण के अलावा संसदीय अध्ययन ब्यूरो के साथ एक सप्ताह का प्रशिक्षण लेते हैं. ये प्रशिक्षण उन्हें भारत में संसदीय प्रणाली के कामकाज के बारे में बताता है. पहले चरण में ही ट्रेनी ऑफिसर को भारत के राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य महत्वपूर्ण गणमान्य व्यक्तियों से भी मिलवाया जाता है.
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दूसरे चरण में होता है एकेडमिक मॉड्यूल
ये मॉड्यूल पूरी तरह थीम पर आधारित होता है. ये कई तरह के विषयों को कवर करता है. इसमें अफसर नीति निर्माण, राष्ट्रीय सुरक्षा, कानून और व्यवस्था, कृषि भूमि प्रबंधन और प्रशासन, ग्रामीण विकास व विकेंद्रीकरण और पंचायती राज, शहरी प्रबंधन व बुनियादी ढांचा और पब्लिक एवं प्राइवेट पार्टनरशिप, ईगवर्नेंस व कार्यालय प्रबंधन सीखता है. इसी चरण में उन्हें प्रशासन में IAS का दृष्टिकोण और भूमिका के बारे में सिखाया जाता है.
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इसी चरण में उन्हें कई सॉफ्ट स्किल्स जैसे कि नेतृत्व और संगठनात्मक व्यवहार के अलावा परियोजना प्रबंधन, इंजीनियरिंग कौशल और आईसीआईटी वित्तीय प्रबंधन सिखाई जाती हैं. इसके अलावा परियोजना मूल्यांकन जैसे कौशल, सामाजिक क्षेत्र में कमजोर वर्ग और अल्पसंख्यकों का विशेष ध्यान दिया जाता है.
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एक साल का होता है जिला प्रशिक्षण
IAS ट्रेनीज का जिला प्रशिक्षण खास तरह के अनुभवों से भरा होता है. इस दौरान वो पूरे जिले में प्रशासनिक सेटअप को समझते हैं. इस दौरान वो ये सीखते हैं कि किस तरह एक जिले में एक अफसर का विकास में बड़ा रोल होता है, वो कैसे वहां के प्रतिनिधियों से मिलता है.
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LBSNAA अकादमी में ट्रेनी का एक सामान्य दिन
यहां उनके दिन की शुरुआत सुबह 6 बजे से होती है. ये शुरुआत 60 मिनट के अभ्यास ड्रिल के साथ होती है. बाकी के काम दिनचर्या के अनुसार किए जाते हैं. सुबह नौ बजे से 5 से 6 अकादमिक सत्र होते हैं, इसमें हर सत्र 55 मिनटों का होता है. वहीं प्रशिक्षु शाम के वक्त खेल, घुड़सवारी और सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं.
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ट्रेनिंग के दौरान आउटडोर एक्टिविटी पर खास जोर दिया जाता है. सभी वीकेंड या अन्य छुट्टियों पर कम्युनिटी सर्विसेज, एडवेंचर स्पोर्ट्स, रॉक क्लाइंबिंग, पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग, शॉर्ट ट्रेक्स आदि एक्टिविटी होती हैं. इसके अलावा उन्हें ग्रेटर हिमालय पर ट्रैकिंग का भी मौका दिया जाता है. यहां वे विपरीत परिस्थितियों, खराब मौसम, रहने की अपर्याप्त सुविधा और सीमित भोजन जैसी परिस्थितियों में जीना सीखते हैं.
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इसके अलावा ग्रामीण जीवन को सही मायने में समझने के लिए उन्हें अति पिछड़े गांवों का दौरा कराया जाता है. अधिकारी प्रशिक्षुओं अपनी हॉबी को डेवलप कर सकें इसलिए उन्हें क्लबों और सोसायटियों की गतिविधियों में हिस्सा लेने को प्रोत्साहित किया जाता है. ये पूरी ट्रेनिंग दो साल की होती है.
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