कोरोना संक्रमण को लेकर आज जब पूरे देश में लॉकडाउन है. जरूरत के सामानों को छोड़कर मॉल और शराब की दुकानें तक सब बंद हैं. ऐसे माहौल में शराब, सिगरेट या गांजा आदि की लत पाल चुके लोगों के सामने बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है. डॉक्टर मानते हैं कि अचानक से शराब छोड़ पाना आसान नहीं है. ऐसे में शरीर में विदड्राल सिम्पटम्स (छाेड़ने के दौरान आने वाले लक्षण)आना आम है. नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर एम्स के प्रो डॉ अतुल आंबेकर ने aajtak.in से बातचीत में बताया कि लॉकडाउन के दौरान क्या करें शराब और सिगरेट आदि नशे के लती लोग.
डॉ आंबेकर कहते हैं कि देश भर के मनोचिकित्सकों से ये जानकारी मिल रही है कि ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं जिन्हें शराब नहीं मिल पाने से विदड्रॉल सिम्पटम्स आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि अचानक शराब न मिलने से ये समस्या आना स्वाभाविक है.
मनोचिकित्सक का कहना है कि बिना किसी मेडिकल सपोर्ट के अचानक शराब न मिलने से आने वाले विदड्रॉल
सिमप्टम्स खतरनाक स्तर पर
भी जा सकते हैं. ऐसे लोगों को दवाओं की सख्त जरूरत पड़ती है. डॉक्टर की मेडिकेशन न मिलने से लोगों की मेंटल हेल्थ भी प्रभावित हो सकती है.
सरकार ने लॉकडाउन जब पूरा देश लॉकडाउन किया है तो ऐसे समय में स्थितियां बहुत चुनौतीपूर्ण बन गई हैं. डॉ आंबेकर कहते हैं कि सरकार को ये सुनिश्चित करना चाहिए जो लोग डेली शराब के आदी है, उन्हें शराब न मिलने पर पूरा मेडिकल सपोर्ट जरूर मिलना चाहिए. उनके लिए डॉक्टर और विदड्रॉल सिमप्टम्स कवर करने के लिए दवाईयां उपलब्ध होनी चाहिए.
निकोटीन छोड़ने पर आएंगे ये लक्षण घबराएं नहीं ये करें-
डॉ आंबेकर ने बताया कि सिर्फ शराब ही नहीं निकोटिन छोड़ने पर कई विदड्राल के लक्षण जैसे घबराना, बेचैनी, सिर दर्द, थकान, उदासी, सुस्ती, चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण आएंगे. ये लक्षण पानी, विटामिन सी आदि लेकर दो तीन दिन में कंट्रोल किया जा सकता है. जब ये लक्षण ज्यादा हों तो मनोचिकित्सक से मिलें. लेकिन इसके लक्षणों से घबराने की जरूरत नहीं है.
अल्कोहल लेने वालों को सलाह
जो लोग अल्कोहल लेने के आदी हैं और उन्हें शराब नहीं मिल रही है, तो उनमें विदड्राल के लक्षण जरूर आएंगे. ऐसे में लोगाें को ये ध्यान रखना चाहिए कि अगर सिर्फ क्रैविंग यानी तलब है तो अपना ध्यान किसी और काम में लगाने की कोशिश करें. लेकिन जब ये लक्षण शारीरिक हों तो तत्काल किसी मनोचिकित्सक से सलाह लें.
शराब छूटने पर ये लक्षण ज्यादा हों तो तत्काल डॉक्टर से मिलें
हांथ कांपना
जी घबराना
सांस फूलने लगना
चक्कर उल्टियां आना
इंसोमेनिया यानी नींद में कमी
हैलुसिनेशन (मिथ्याभास या वहम)
पहले ऐसे घर पर करें कंट्रोल
शांत वातावरण में अकेले बैठें और अपना मनपसंद काम करें और तरल पदार्थ का सेवन अधिक मात्रा में करें. खाने में विटामिन सी की मात्रा अधिक बढ़ाएं. इसमें बड़ी भूमिका नशे के आदी लोगों के साथ रह रहे लोगों की भी होती है. वो भी ऐसे वक्त में सहयोगी की भूमिका निभाते हुए पीड़ित व्यक्ति की काउंसिलिंग करें.
इन हेल्पलाइनों से ले सकते हैं मदद
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(सभी फोटो प्रतीकात्मक हैं)