चक्रवाती तूफान निसर्ग महाराष्ट्र के मुंबई में अलीबाग के तट से टकराया है. मौसम विभाग के मुताबिक
चक्रवाती तूफान करीब 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से टकराया है.
मुंबई के ज्यादातर इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है. सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं देश के कई अन्य राज्यों में भी है निसर्ग का खतरा मंडरा रहा है. जानें कौन-कौन से राज्यों पर है खतरा और कितना खतरनाक है ये तूफान.
देश के कई हिस्सों जैसे पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक, गोवा, लक्षद्वीप क्षेत्र तक इस तूफान का खतरा पहुंच चुका है. सबसे ज्यादा महाराष्ट्र और गुजरात में इसके कहर की चेतावनी जारी की गई है. वहीं दक्षिण पूर्वी और आसपास के पूर्वी मध्य अरब सागर तथा लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. उत्तरी महाराष्ट्र और गुजरात के कई इलाकों में इसने जोर दिखाना शुरू भी कर दिया है.
इन सभी राज्यों में एनडीआरएफ, दमकल और सेना को अलर्ट पर रखा गया है. मौसम विभाग के मुताबिक
दमन, दीव और दादरा नगर हवेली में तूफान का असर सबसे ज्यादा रहेगा.
मुंबई समेत उत्तरी महाराष्ट्र के कई इलाकों और कोंकण में भारी बारिश का अलर्ट है. साथ ही दक्षिणी गुजरात के कई इलाकों में भी तूफान का असर ज्यादा होने की आशंका है.
मुंबई के अलावा तूफान का कहर गुजरात तक हो सकता है. इसका ट्रेलर अभी से दिखना शुरू हो गया है. अहमदाबाद में जमकर बारिश हो रही है. गुजरात के नवसारी के आसपास के समंदर में तो ऊंची-ऊंची लहरें भी उठनी शुरू हो गई हैं.
निसर्ग चक्रवात के बुधवार को तट से टकराने के खतरे को देखते हुए महाराष्ट्र और गुजरात ने आपदा से मुकाबले के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दलों को तैनात कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर उन्हें केंद्र द्वारा हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है.
भारत मौसम विज्ञान
विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को बताया कि निसर्ग चक्रवात आज महाराष्ट्र और
दक्षिण गुजरात के तट को पार कर जाएगा. इस दौरान हवा की गति 100 से 120
किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा
कि चक्रवाती तूफान को देखते हुए लोगों को बचाकर निकालने के वास्ते
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 10 दलों को राज्य के तटवर्ती
क्षेत्रों में तैनात किया गया है.
गुजरात में प्रशासन ने चार तटीय जिलों से 78,000 लोगों को निकालने का काम शुरू कर दिया है. राहत आयुक्त हर्षद पटेल ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा कि एनडीआरएफ के 13 और एसडीआरएफ के 6 दलों को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि वलसाड, सूरत, नवसारी और भरुच जिले में रहने वाले 78,971 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.