दुनिाया में एक मां ही है जिनके पास हर परेशानी का हल होता है. बच्चे की परवरिश, घर संभालना और नौकरी करने से लेकर न जाने कितने ही काम हैं जो एक मां कर लेती है. ये बता पाना तो मुश्किल है कि इतनी हिम्मत कहां से आती है, लेकिन मदर्स डे के मौके पर हम आपको ऐसी माताओं के बारे में बताएंगे, जिन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए अपने सपने पूरे किए और IAS बन गईं. लेकिन एक मां होने के कारण उनके लिए ये काम आसान नहीं था.
हरियाणा के रेवाड़ी जिले की पुष्पलता यादव एक बच्चे की मां हैं. उन्होंने साल 2017 में यूपीएससी में 80वीं रैंक हासिल की थी. उनकी शादी साल 2011 में हो गई और शादी के बाद वो मानेसर आकर रहने लगीं. शादी के करीब चार साल बाद उन्होंने UPSC की तैयारी का मन बनाया. फिर 2015 में स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद से इस्तीफा देकर तैयारी में जुट गईं.
जब उन्होंने तैयारी शुरू की थी उस समय उनके बेटे की उम्र 2 साल की थी. उनके सामने अपने बेटे की जिम्मेदारी थी. एक इंटरव्यू में पुष्पलता ने बताया था, मैंने पांच साल से किताब को हाथ नहीं लगाया था. समय कठिन था लेकिन मेरे पति ने मुझे प्रोत्साहित किया.
फोटो: पुष्पलता (दाहिनी ओर)
पुष्पलता को उनके पति और ससुरालवालों का काफी सपोर्ट मिला. उनके परिवार के लोग उस दौरान बेटे को संभालते थे और पुष्पलता सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देती थीं. पुष्पलता ने बताया था, तैयारी के वक्त बेटे की चिंता होने लगती थी. एक मां के मन से बच्चे का ख्याल निकाल पाना मुश्किल होता है.
दूसरी कहानी है साल 2017 यूपीएससी परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल करने वाली अनु कुमारी की. अनु ने अपने चार साल के बेटे से दूर रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की थी. जिसके बाद उन्हें जमाने से कई बातें सुनने को मिली, लेकिन सभी बातों को नजरअंदाज कर उन्होंने पूरे मन से यूपीएससी की तैयारी की.
अनु कुमारी ने अपने मासी के घर पर जाकर यूपीएससी की तैयारी की थी. इस दौरान उन्हें अपने बेटे से दूरी बनानी पड़ी थी. जो उनके लिए बिल्कुल भी आसान काम नहीं था.
जब अनु अपने बेटे को छोड़कर पढ़ाई करने के लिए मासी के घर गई थी तो उस दौरान कई लोग बातें बनाते थे. अक्सर कहते 'इसके अंदर दिल नहीं है, ये पत्थर की बनी है जो अपने बेटे को छोड़कर आ गई'.
ये सभी बातें सुनने के बावजूद भी अनु को परिवार का पूरा सपोर्ट मिला, जिसके बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास की बल्कि दूसरी रैंक हासिल की.
अनु कुमारी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि अपने बच्चे को खुद से दूर रखकर यूपीएससी की तैयारी करना एक मां के लिए आसान नहीं होता है, लेकिन दिल को मजबूत करते हुए मुझे ये कदम उठाना पड़ा. क्योंकि मैं जानती थी कि बच्चे के साथ आप परीक्षा की तैयारी अच्छे से नहीं कर सकते. ऐसे में बेटे से दूर रहकर तैयारी करनी पड़ी थी.
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