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एक जिन्दगी कई किरदार: नेवी अफसर, डॉक्टर, अब बनेगा एस्ट्रोनॉट

aajtak.in
  • 18 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 9:44 AM IST
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हम सब जिन्दगी में एक सपना देखते हैं, फिर सारी उम्र उसी सपने के पीछे भागने में लगा देते हैं. जब करियर के तौर पर हमारा मनपसंद काम मिल जाता है तो हम स्थ‍िर हो जाते हैं.जॉनी किम की तरह बहुत कम लोग ही होते हैं जो जिन्दगी को भरपूर जीते हैं. बिना डरे, बिना रुके और बिना फेलियर की चिंता किए वो अब तक तीन करियर बदल चुके हैं. आइए जानें- नासा के एस्ट्रोनॉट बने जॉनी किम का सफर.

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35 साल के जॉनी किम कोरियाई अमेरिकी हैं. लॉस एंजेलिस में रह रहे जॉनी  सबसे पहले नौसेना में सैनिक बने थे. इसके बाद उन्होंने डॉक्टर बनकर अपनी सेवाएं दीं. अब उनका अगला पड़ाव एस्ट्रोनॉट है.

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www.dailymail.co.uk में प्रकाश‍ित उनके प्रोफाइल इंटरव्यू में उनके बारे में बताया गया है कि जॉनी  स्कूल में शांत रहने वाले बच्चे थे. उनमें आत्मविश्वास की कमी रहा करती थी.

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पहली बार जब उनको अमेरिकी नौसेना के बारे में पता चला तो वे US Naval Special Warfare Command में भर्ती हो गए. जॉनी ने डेलीमेल को बताया कि नौसेना में भर्ती होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा फैसला रहा क्योंकि नौसेना ने एक डरपोक लड़के को सपने देखना सिखाया.

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जॉनी कहते हैं कि नौसेना में भर्ती होने के बाद मुझे अपने आप पर यकीन हुआ कि मैं कुछ भी कर सकता हूं. सेना में वो मध्य पूर्व के लगभग 100 कॉमबैट मिशन में स्पेशल ऑपरेशन कॉमबैट मेडिक, एक स्नाइपर, नैविगेटर और प्वाइंटमैन के पदों पर रहे.

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इस नेवी अफसर के डॉक्टर बनने की कहानी भी काफी रोचक है. फिलहाल वो नासा के नवीनतम अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल हो चुके हैं. उन्होंने शुक्रवार को एक मिशन के लिए प्रशिक्षण से स्नातक किया है जो उन्हें 11 अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरिक्ष में भेजेगा.

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किम पहले कोरियाई-अमेरिकी नासा अंतरिक्ष यात्री के रूप में इतिहास बनाएंगे, जो स्पेस स्टेशन को असाइनमेंट्स पर चंद्रमा तक पहुंचाएंगे और संभवत: मंगल पर पहले मानव अन्वेषण मिशन पर जाने वाले बनेंगे.

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उनके डॉक्टर बनने के सफर की बात करें तो ये साल 2006 की बात है. जब जॉनी ने फील्ड में अपने एक साथी को गोली लगते देखा तो खुद को बहुत असहाय महसूस किया. उन्हें कष्ट था कि वे अपने दोस्त की हेल्प नहीं कर सके. इसी घटना के बाद उन्होंने डॉक्टर बनने का फैसला लिया.

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जॉनी ने इसके लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया और मैडिसिन की पढ़ाई करके इमरजेंसी मेडिसिन में स्पेशलाइजेशन किया. इसके बाद मैसाचुसेट्स के अस्पताल में फिजीशियन बन गए. फिलहाल नासा प्रशिक्षण कार्यक्रम मे उनको अंतरिक्ष में चलना, रोबोटिक्स, इंटरनेशनल स्पेस सिस्टम, T-38 जेट प्रोफिसिएंसी और रूसी भाषा सिखाई गई. जॉनी अब अपने पहले असाइनमेंट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

(सभी फोटो: ट्विटर से)

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