किसे पता था, जो लोग रात को चैन की नींद सोए थे वह सुबह का सूरज नहीं देख पाएंगे. आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में स्थित एलजी पॉलिमर कंपनी से सुबह 2.30 बजे खतरनाक जहरीली गैस का रिसाव हुआ. जिसमें अभी तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. इस गैस कांड ने 36 साल पहले हुए भोपाल गैस कांड की यादें ताजा कर दी हैं. वहीं भोपाल के अलावा भारत के कई शहरों में पहले भी गैस लीक कांड हो चुके हैं. आइए विस्तार से जानते हैं.
क्या था भोपाल कांड
भोपाल गैस त्रासदी में, हजारों भारतीयों ने अपना जीवन खो दिया था. जिसे दुनिया की सबसे खराब औद्योगिक आपदा माना जाता है. यह वीभत्स घटना मध्य प्रदेश के भोपाल में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड कीटनाशक संयंत्र में 2-3 दिसंबर, 1984 की रात को हुई थी.
करीब पांच लाख से अधिक लोग मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस और अन्य रसायनों के संपर्क में थे.
मध्य प्रदेश की तत्कालीन सरकार ने इस हादसे में 3,787 लोगों के मरने की पुष्टि की थी. दूसरे अनुमान बताते हैं कि इस केमिकल हादसे में 8000 लोगों की मौत तो दो सप्ताह के अंदर हो गई थी और लगभग 8000 लोग गैस रिसने के बाद होने वाली बीमारियों से मारे गये थे.
2014 गैस पाइपलाइन ब्लास्ट
27 जून साल 2014 में आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) की भूमिगत गैस पाइपलाइन में विस्फोट के बाद भीषण आग लग गई थी. जिसमें 15 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. धमाके से घटनास्थल के आसपास तकरीबन 500 मीटर के दायरे में सबकुछ तबाह हो गया था.
जिस गांव में दुर्घटना हुई, लोगों ने कहा कि उन्होंने गैस रिसाव के बारे में गेल अधिकारियों से शिकायत की थी लेकिन इसे लेकर कोई एक्शन नहीं लिया गया था. विस्फोट का प्रभाव इतना गंभीर था कि आग तेजी से मकानों, नारियल के पेड़ों और वाहनों में फैल गई. घटना में 50 से ज्यादा घर जल गए थे.
भिलाई स्टील प्लांट गैस रिसाव
छत्तीसगढ़ की इस्पात नगरी भिलाई में 12 जून, 2014 को जहरीली गैस रिसाव से 6 कर्मियों की मौत हो गई थी और करीब 40 लोग घायल हो गए थे. संयंत्र के पंप हाउस-2 में शाम 5.30 बजे पाइप लाइन फटने से जहरीली गैस का रिसाव हुआ था.
2017 तुगलकाबाद डिपो गैस रिसाव
6 मई 2017 को दक्षिणपूर्वी दिल्ली के तुगलकाबाद क्षेत्र में दो स्कूलों के निकट रासायनिक रिसाव की वजह से जहरीला धुआं निकला, जिसके बाद के बाद 300 से ज्यादा स्कूली बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. छात्रों को आंखों में जलन, सांस फूलना और गंभीर सिरदर्द से जूझना पड़ा था.