ससेक्स के ड्यूक और डचेस प्रिंस हैरी की पत्नी मेगन मर्केल ने ऐलान किया है कि वह रॉयल परिवार के अपने सीनियर पद से पीछे हट गए हैं. वह कनाडा शिफ्ट होने की तैयारी कर रहे हैं. दोनों ने ये फैसला इसलिए लिया है कि ये जोड़ी अपनी जिम्मेदारी खुद उठा सके, साथ ही आर्थिक रूप से स्वत्रंत हो सके.
आइए ऐसे में जानते हैं शाही परिवार छोड़ने का क्या है मतलब है और कितना असर उनकी आम जिंदगी पर पड़ेगा.
बता दें, उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, 'कई महीनों तक सोचने के बाद हम इस साल अपने रोल में बदलाव करने जा रहे हैं. हम शाही परिवार के सीनियर मेंबर्स के पद को छोड़कर अपनी जिम्मेदारी आर्थिक रूप से खुद उठाने जा रहे हैं. हालांकि हम क्वीन को हमेशा पूरी तरह सपोर्ट करते रहेंगे.'
हम क्वीन, कॉमन वेल्थ और बाकी चीजों के लिए काम करते रहेंगे. ये भौगोलिक बैलेंस हमें अपने बेटे आर्ची को उस रॉयल ट्रेडिशन की प्रशंसा करना सिखाएगा, जिसमें वो पैदा हुआ है. इसके साथ ही हमारे परिवार को स्पेस भी मिलेगा, जिससे हम अपनी जिंदगी के अगले पड़ाव पर ध्यान भी दे सकेंगे. जैसे हमारी अगली चैरिटेबल संस्था को लॉन्च करना.'
बकिंघम पैलेस की ओर से इस स्थिति को काफी जटिल करार दिया गया है, वहीं शाही महल को लगता है कि दोनों से गहराई से विचार करते हुए ये फैसला सोच समझ कर नहीं लिया गया है. वहीं दक्षिणी अफ्रीका के दौरे के बाद से संकेत मिल रहे थे कि हैरी और मेगन मार्कल अपनी शाही जिंदगी से खुश नहीं थे. वहीं दूसरी ओर उनके इस फैसले से शाही परिवार खुश नहीं है.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार हैरी और मेगन मार्कल को शाही परिवार में सीनियर पद पर रहते हुए कई ऐसे काम करने पड़ते थे जो उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं थे. हैरी को जहां भीड़ से कोई परहेज नहीं, वहीं वह कैमरे से दूरी बनाते थे.
वहीं दूसरी मेगन का मानना था कि वह ऐसी शख्सियत नहीं बनना चाहती कि वह बेजुबान हो जाए. जब भी वह कुछ बोलती, आलोचनाओं की शिकार हो जाती थी. आपको बता दें, इस फैसले से पहले दोनों ने परिवार से किसी भी सदस्य से राय नहीं ली थी.
शाही परिवार से अलग होने के बाद क्या होगा. क्या उनके नाम के साथ शाही उपाधि बनी रहेगी, क्या पूरी तरह से शाही परिवार का हिस्सा बने रहेंगे. ऐसी तमाम बातों के बारे में भविष्य में पता चलेगा.
जानें- शाही ठाठ-बाट छोड़ने के बाद कैसी होगी जिंदगी
शाही परिवार की गतिविधि से अलग होने के बाद हैरी और मेगन अब शाही ग्रांट से फंडिंग नहीं लेंगे. इसका मतलब ये है कि वह शाही परिवार के सदस्य तो रहेंगे, लेकिन आर्थिक तौर पर स्वतंत्र रहेंगे.
आपको बता दें, शाही ग्रांट वो सार्वजनिक पैसा है जो शाही परिवार की गतिविधियों के खर्चे के लिए वहन किए जाते हैं.
हालांकि उनके इस फैसले के बाद भी उन्हें अंतरराष्ट्रीय शख्सियत का दर्जा प्राप्त रहेगा. ब्रिटेन में उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी मेट्रोपोलिटन पुलिस की रहेगी. वहीं ब्रिटेन के बाहर रहने पर उनकी सुरक्षा का जिम्मा ग्लोबल चैरिटेबल फाउंडेशन का हो सकता है.
आपको बता दें, शाही परिवार की गतिविधियों से अलग होने का ये दूसरा मौका है. इससे पहले 1936 में प्रिंस एडवर्ड VIII ने शाही परिवार की गतिविधियों से दूरी बना ली थी, क्योंकि वह एक तलाकशुदा अमेरिकी महिला Wallis Simpson से शादी करना चाहते थे. वहीं तत्कालीन शाही घराने के नियम उन्हें ऐसा करने की इजाजत नहीं दे रहे थे.
(सभी तस्वीरें इंस्टाग्राम से ली गई है)