ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को आधिकारिक तौर पर कांग्रेस से रिश्ता तोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है. इसी के साथ राजनीतिक हलके में उस दोस्ती को लेकर खूब चर्चा है जो मीडिया में हमेशा छाई रहती थी. ये दोस्ती थी कांग्रेस के दो युवा नेताओं ज्योतिरादित्य और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की. ज्योतिरादित्य की विदाई के बाद राहुल गांधी का जो बयान सामने आया, वो भी कहीं न कहीं, इस रिश्ते की गहराई जता रहे हैं. राहुल ने कहा कि वो और ज्योतिरादित्य साथ पढ़े हैं, आइए जानें- कहां साथ पढ़े हैं दोनों और कैसा रहा है तालमेल.
राहुल गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में कहा जाता था कि दोनों बेहद घनिष्ठ मित्र थे. फिर मध्य प्रदेश में आए राजनीतिक तूफान के वक्त के दौरान के कुछ आरोप लगे कि राहुल गांधी ने सिंधिया को मिलने का समय नहीं दिया. इस गंभीर आरोप पर राहुल गांधी बेहद भावुक नजर आए.
राहुल गांधी का मीडिया में इसे लेकर बस एक लाइन में जवाब आया कि 'ज्योतिरादित्य ऐसे इकलौते
नेता हैं जो किसी भी समय मेरे घर आ सकते हैं...वह कॉलेज के दिनों मेरे साथ
थे. ये बयान न सिर्फ दोनों बल्कि गांधी और सिंधिया परिवार के करीबी रिश्तों को साफ दर्शाता है.
फिर पहले साल की परीक्षाएं पूरी करने के बाद राहुल गांधी हार्वर्ड विश्वविद्यालय चले गए. बताते हैं कि इन दोनों
की दोस्ती इतनी गहरी थी कि राजनीति में भी उनकी जुगलबंदी साफ नजर आती थी. हर बड़े मंच पर राहुल और ज्योतिरादित्य एक साथ नजर आते थे.
बुधवार को जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा ज्वाइन की तो ठीक उसी समय राहुल गांधी ने 13 दिसंबर 2018 के अपने ही ट्वीट को रीट्वीट किया. इस ट्वीट में ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ का हाथ पकड़े हुए राहुल गांधी बीच में नजर आ रहे हैं.
इस ट्वीट में मशहूर चिंतक लियो टॉलस्टॉय का एक कोट लिखा था. कोट था कि दो सबसे बड़े योद्धा हैं-धैर्य और वक्त. इस ट्वीट के जरिये राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य को ये संदेश दिया कि उन्हें धैर्य रखना
चाहिए था और सही समय आने का इंतजार करना चाहिए था.
बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश में 18 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे थे. उन्होंने अपने बयानों में कांग्रेस के न बदलने और मध्यप्रदेश सरकार के प्रति बेरुखी को एक वजह बताया. गुरुवार को वो भाजपा ज्वाइन करने के बाद वापस भोपाल लौटे हैं.