डॉ. श्रीकांत जिचकर का नाम भारत के ‘सबसे योग्य व्यक्ति’ के रूप में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है.
उनके पास 2 या 4 नहीं बल्कि 20 डिग्रियां थीं, लेकिन क्या आप जानते हैं श्रीकांत के अलावा एक ऐसे शख्स भी हैं जिसके पास, 145 डिग्रियां हैं. आइए जानते हैं उनके बारे में.
फोटो- प्रोफेसर वीएन पार्थिबान और श्रीकांत जिचकर
पहले बात करते हैं डॉक्टर श्रीकांत की
श्रीकांत जिचकर का जन्म 14 सितंबर, 1954 को कटोल, नागपुर जिले में एक किसान परिवार में हुआ था. बता दें, उनका निधन 2 जून 2004 में हुआ था.
डिग्रियों की बात करें तो श्रीकांत जिचकर ने कई विषयों में MA (मास्टर्स) किया था. उन्होंने पत्रकारिता के अलावा MBA और बिजनेस स्टडी में डिप्लोमा किया था. साथ ही उन्होंने D.Litt और इंटरनेशनल लॉ में पोस्ट ग्रेजुएशन किया था. डॉक्टर वो Phd के बूते नहीं बल्कि MBBS और MD करने के कारण कहलाते थे. वह इतने प्रतिभाशाली थे कि 1978 में IPS और 1980 में IAS के लिए भी चुने गए थे.
1973 से 1990 में, श्रीकांत जिचकर ने 42 विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में भाग लिया और 20 में पास हुए थे. उन्होंने अपनी अधिकांश परीक्षाएं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कीं और कई स्वर्ण पदक भी जीते थे. लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार वे भारत के सबसे ज्यादा क्वॉलिफाइड व्यक्ति हैं. 2 जून 2004 को 49 साल की उम्र में कार एक्सिडेंट में उनकी मौत हो गई थी.
कौन हैं 145 डिग्री लेने वाले शख्स
मिलिए, चेन्नई के प्रोफेसर वीएन पार्थिबान से. जिनका विजिटिंग कार्ड किसी किताब की तरह ही है. शायद ही किसी को यकीन आए, लेकिन ये सच है कि उनके पास 145 डिग्रियां हैं.
उनकी डिग्रियों की लिस्ट देखकर हर किसी को चक्कर आना लाजिमी है.
ये हैं डिग्रियां
12 रिसर्च डिग्री (एमफिल),
8 मास्टर ऑफ लॉ डिग्री (एमएल),
10 एमए, 8 एमकॉम,
3 एमएससी,
9 एमबीए डिग्रियां
आपको बता दें, वह चेन्नई के कई कॉलेजों में 100 से ज्यादा विषय पढ़ाते हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि "मैं वास्तव में पढ़ाई का आनंद लेता हूं, ये मुझे बिल्कुल भी मुश्किल नहीं लगती है."
प्रोफेसर वीएन पार्थिबान चेन्नई के एक मिडिल क्लास परिवार से आते हैं, और उनके दिनों के दौरान, एक कॉलेज में जाना बहुत आसान नहीं था. उन्होंने कहा, असफलता उनकी अब तक की यात्रा का एक अभिन्न हिस्सा रही है.
"मैंने अपनी पहली कॉलेज की डिग्री खत्म करने के लिए कड़ी मेहनत की और न्यायपालिका विभाग में नौकरी भी हासिल की. जिसके बाद उन्होंने कई कोर्सेज के लिए आवेदन करना शुरू कर दिया था. कई बार ऐसा भी हुआ है मैंने गलत विषय के लिए पढ़ाई की और पेपर में फेल हो गया."
आपको जानकर हैरानी होगी कि इतनी सारी डिग्रियां लेने वाले शख्स को मैथ्स फोबिया है. यानी उन्हें मैथ से डर लगता है. उन्होंने बताया था कि एक बार उन्होंने Actuarial Sciences के लिए आवेदन दिया था लेकिन मैथ की वजह से वह उसे पूरा नहीं कर सके थे.
भले ही उनके पास 145 डिग्री है लेकिन उन्हें लोगों के चेहरों को याद करना मुश्किल लगता है. वह हर दिन एक जगह जाने वाली जगह की डायरेक्शन भी भूल जाते हैं. वहीं अभी वह सीखने और अधिक डिग्री हासिल करना चाहते हैं.