कोरोना वायरस के कारण CBSE की जो परीक्षाएं बची हुईं थीं, मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने उन परीक्षाओं की तारीख की घोषणा कर दी है. परीक्षाओं का आयोजन 1 से 15 जुलाई के बीच होगा. वहीं परीक्षा की तारीख की घोषणा होने के बाद कई छात्रों ने नाराजगी जताई है. आइए विस्तार से जानते हैं क्या है इसकी वजह.
आपको बता दें, 5 मई को मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने वेबिनार के माध्यम से छात्रों से बातचीत की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि बोर्ड परीक्षा के बाद ही प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित होंगी. जिसके बाद JEE और JEE Advanced परीक्षा का शेड्यूल जारी कर दिया है. JEE Mains की परीक्षा 18 जुलाई से 23 जुलाई के बीच होगी और JEE Advance की परीक्षा 23 अगस्त को होगी.
शेड्यूल के अनुसार बोर्ड परीक्षा के तुरंत बाद प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा. कक्षा 12वीं के छात्र ही जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते हैं. वहीं प्रतियोगी परीक्षा के कुछ दिन पहले ही बोर्ड परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. ऐसे में छात्रों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाएगा. ये स्थिति छात्रों के लिए मुसीबत पैदा कर रही है. उनका कहना है कि वह सही से तैयारी फोकस नहीं कर पाएंगे. क्योंकि उन्हें बोर्ड और एंट्रेंस, दोनों परीक्षाओं की टेंशन होगी.
मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट के जरिये सीबीएसई परीक्षा की तारीख जारी की थी. ऐसे में छात्रों ने नाराजगी जताई है. एक छात्र संयम वर्मा ने कहा है कि सीबीएसई द्वारा लिया गया ये खराब निर्णय है, क्योंकि इस फैसले से छात्र पूरी तरह से परेशान हैं, वह दुविधा में है कि बोर्ड परीक्षा के साथ एंट्रेंस परीक्षा की तैयारी कैसे करें?
दिल्ली की एक छात्रा साबरिका ने aajtak.in से बातचीत करते हुए बताया, 'परीक्षा के शेड्यूल को लेकर निराशा है, क्योंकि कोरोना वायरस तेजी फैल रहा है और भारत में लगातार इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है. ऐसी स्थिति में परीक्षा का आयोजन करना ठीक नहीं है. '
उन्होंने कहा, 'CBSE बोर्ड के लाखों छात्रों की परीक्षा छूटी है, ऐसे में जब ये सभी छात्र एक साथ परीक्षा देने अपने घर से निकलेंगे तो संक्रमण का खतरा अधिक बढ़ सकता है. इसी के साथ उन्होंने कहा, मैं एंट्रेंस परीक्षा की तैयारी कर रही हूं, ऐसे में बोर्ड परीक्षा और एंट्रेंस की परीक्षा की तैयारी एक साथ में करना मुश्किल है.