दिल्ली में सोमवार को एक बार फिर भूकंप का झटका महसूस किया गया. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.1 रही. दिल्ली एनसीआर में पिछले कुछ दिनों से लगातार आ रहे भूकंप को लेकर वैज्ञानिक चेतावनी दे चुके है कि आने वाले समय में ये बड़ा रूप ले सकता है. ऐसे में आपको भूकंप से बचाव के वो सारे उपाय पता होने चाहिए, जिसमें आप घर पर हों या बाहर भूकंप आने पर उससे बच सकें.
आपके दिमाग में हमेशा ये बात होनी चाहिए कि भूकंप या कोई भी प्राकृतिक आपदा बता कर नहीं आती. ऐसे समय में एकदम से समझ नहीं आता क्या किया जाए. लेकिन जब भी आपको भूकंप के झटके महसूस हों तो बिना देर किए घर, ऑफिस, होटल या जिस भी बिल्डिंग में हों वहां से फौरन बाहर आ जाएं
याद रखें कि जहां भी खड़ें हों वहां पर पेड़ बिजली के खंभे या इमारतें नहीं होनी चाहिए. इसलिए अगर आप मकान, दफ्तर या किसी भी इमारत में मौजूद हैं तो वहां से बाहर निकलकर खुले में आ जाएं. ध्यान रखें कि कभी भूकंप के दौरान लिफ्ट का इस्तेमाल भूलकर भी न करें.
घर के दरवाजे और खिड़की को खुला रखें. घर के सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें. अगर बिल्डिंग बहुत ऊंची हो और तुरंत उतर पाना मुमकिन न हो तो बिल्डिंग में मौजूद किसी मेज, ऊंची चौकी या बेड के नीचे छिप जाएं.
भूकंप के दौरान लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं, ऐसे में स्थिति और बुरी हो सकती है. भूकंप के वक्त अगर आप घर से बाहर हो तो ऊंची इमारतों और बिजली के खंभों से दूर रहें.
ध्यान रखें कि भूकंप के दौरान आप अगर गाड़ी चला रहे हों तो उसे रोक लें और गाड़ी से बाहर ना निकलें. कोशिश करें कि किसी पुल या फ्लाइओवर पर गाड़ी खड़ी ना करें.
अगर आप भूकंप के वक्त मलबे में दब जाएं और पास में लाइटर या माचिस हो तो बिल्कुल ना जलाएं. इससे गैस लीक होने की वजह से आग लगने का खतरा हो सकता है.
बता दें कि दिल्ली और उत्तर भारत का एक पूरा इलाका भूकंप के लिए खतरनाक माना जाता है. ऐसे इलाकों में रहने वाले लोगों को भूकंप की विभीषिका के बारे में पूरी जानकारी रखनी चाहिए. मसलन किस तरह भूकंप के बाद चारों तरफ तबाही और अफरा-तफरी मच जाती है.
भूकंप आने के बाद आपके इलाके में बिजली, गैस, टेलीफोन जैसी जरूरी सेवाएं तक बंद हो जाती हैं. मेडिकल सेवा से लेकर खाने-पीने की किल्लत से सभी को जूझना पड़ता है. मदद पहुंचाने वाली एजेंसियां भी कई बार इसका शिकार होती हैं. ऐसे में आपकी तैयारी ऐसी होनी चाहिए कि तीन दिन से लेकर एक हफ्ते तक अपनी मदद खुद कर पाएं. इसके लिए जरूरी है कि आप भूकंप से पहले ही उसकी तैयारी करें. आप इसके लिए एक किट अपने पास रख सकते हैं.
इस किट में पर्याप्त रूप से पीने का पानी रखें. इसी किट में फर्स्ट एड का बॉक्स और जरूरी दवाएं तैयार रखें. इसके अलावा इसमें हर तरह की आग बुझाने वाला अग्निशमक भी आपके पास हो. भूकंप किट में टॉर्च और छोटा रेडियो जरूर रखें, क्योंकि रेडियो ऐसे माहौल में सबसे ज्यादा मददगार होता है. भूकंप के बाद प्रभावित लोगों के पास संचार का एक ही सबसे बड़ा माध्यम होता है. वो होता है रेडियो, इसलिए इसकी बैटरी भी अपनी किट में रखें.