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आर्मी में कोई भी हो सकता है शामिल, फिर Govt जॉब में मिलेगा फायदा

aajtak.in
  • 15 मई 2020,
  • अपडेटेड 6:50 PM IST
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भारतीय सेना एक ऐसे प्रस्ताव पर विचार कर रही है जिसमें युवाओं को तीन साल के लिए सेना में शामिल होने का मौका दिया जाएगा. इस प्रस्ताव का नाम 'Tour Of Duty'  रखा गया है.

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क्यों हुई  प्रस्ताव  की जरूरत

सबसे पहले आपको बता दें, अभी प्रस्ताव को लागू नहीं किया गया है. ये प्रस्ताव तीन वर्ष की शॉर्ट सर्विस स्कीम के तौर पर रखा जा रहा है. जो सेना को अपना स्थायी पेशा नहीं बनाना चाहते हैं उनके लिए ये मौका अच्छा साबित हो सकता है.

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3 साल के दौरान सेना का मुख्य उद्देश्य लोगों को सैन्य जीवन का अनुभव कराना है, ताकि देश के 1.3 मिलियन जवान युवाओं को ट्रेनिंग और सेना के बारे में कई प्रकार की जानकारी दे सके. इस दौरान युवाओं को सैलरी दी जाएगी, लेकिन वह पेंशन के हकदार नहीं होंगे.

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टॉप मिलिट्री सोर्स ने कहा कि सेना अर्धसैनिक बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों को सात साल तक की शॉर्ट सर्विस के लिए शामिल करने पर विचार कर रही है.



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सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा, "अगर ये प्रस्ताव मंजूर किया जाता है तो चयन मानदंड में कोई कमी नहीं होगी. शुरुआत में, 100 ऑफिसर्स और 1,000 जवानों की भर्ती निकाली जाएगी.







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सूत्रों के अनुसार प्रस्ताव पर काम किया जा रहा है, उम्र और फिटनेस स्तर को जोड़ने के लिए' 'Tour of Duty (ToD) or 'Three Years Short Service' योजना के तहत भर्ती के प्रमुख मापदंड होंगे.






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बता दें, वर्तमान में, सेना 10 साल के शुरुआती कार्यकाल के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत युवाओं की भर्ती करती है, जो 14 साल तक बढ़ाई जा सकती है.

इस प्रस्ताव के माध्यम से भारतीय सेना वित्तीय लाभ प्राप्त होगा, क्योंकि इससे ग्रेच्युटी, सैलरी, नकदीकरण और पेंशन में जाने वाली भारी धनराशि की बचत होगी.

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बता दें, शॉर्ट सर्विस कमिशन के जरिए सेना में भर्ती हुए अफसरों को रिटायर होने तक प्री-कमीशन ट्रेनिंग, वेतन और अन्य खर्च के तौर पर 10 साल में 5.12 करोड़, 14  साल में 6.83 करोड़ खर्च करने पड़ते हैं. जबकि तीन साल के लिए शामिल हुए लोगों पर भारतीय सेना का कुल खर्च 80 से 85 लाख रुपये का होगा.

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जो युवा तीन साल के सेना में अपनी सेवा दे चुके होंगे उन्हें कॉर्पोरेट और सरकारी क्षेत्र में नौकरी पाने में भी मदद मिलेगी.

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बता दें, ऑफिसर और जवान के पद  पर भर्ती होने के लिए एक साल की ट्रेनिंग से गुजरना होगा, जिसके बाद ही तीन साल सेना में सेवा देने के लिए योग्य माने जाएंगे.



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प्रस्ताव में बताया गया है कि 17 साल तक सेवा देने वाले जवानों की जगह अगर 'Tour Of Duty' वाले जवान को लगाया जाए तो 11,000 करोड़ की बचत होगी. बची हुई धनराशि का इस्तेमाल भारतीय सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए उपयोग में किया जा सकता है.

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