देश में कोरोना वायरस के खतरे के बाद हर किसी की जुबां पर इसकी चर्चा है. वहीं दूसरी तरफ यूपीएससी 2019 परीक्षा के इंटरव्यू भी चल रहे हैं. इस इंटरव्यू में समसामयिक विषयों को लेकर हमेशा ही सवाल पूछे जाते हैं. इसलिए अभ्यर्थी कोरोना से जुड़ी हर जानकारी को लेकर भी तैयारी में जुटे हैं. आइए यूपीएससी पास करके आईएएस बन चुके विशेषज्ञ से जानते हैं कि यूपीएससी या अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान कोरोना को लेकर आपसे किस तरह के सवाल पूछे जा सकते हैं. कैसे करें इसकी तैयारी.
यूपीएससी इंटरव्यू की तैयारी कर रहे हैं तो ध्यान रहे. आपसे इस दौरान ये भी पूछा जा सकता है कि अगर आप डीएम और आपके जिले में भी कोरोना के कुछ पॉजिटिव केस निकल आएं तो आप इसे कंट्रोल करने के लिए क्या करेंगे. इसे लेकर अभ्यर्थी कई तरह के जवाब तैयार कर सकते हैं.
IAS रियाज अहमद कहते हैं कि अभ्यर्थी इसका जवाब बेहद सोच समझकर दें. आज जो चीजें प्रशासन अपना रहा है, उस पर ध्यान दें. आप इस तरह जवाब दे सकते हैं कि पहले तो यही करना होगा कि जो पेशेंट चिह्नित हुआ है उसे कोरेंटाइन करना है, परिवार या संपर्क में आने वाले बाकी लोगों को भी आइसोलेट करना है.
रियाज कहते हैं इसके अलावा डीएम जो कर सकता है वो है कि वो एपेडमिक एक्ट पावर का इस्तेमाल करके मास गैदरिंग जैसे थियेटर और बाजार आदि में भीड़ न जुटने दे. इस पावर के जरिये वो शहर में किसी भी तरह का भय का माहौल बनाए बगैर पूरे शहर को कंट्रोल कर सकता है.
इसके अलावा वो मीडिया और आम जनता को हर सोर्स से ब्रीफिंग देता रहे ताकि कोई अफवाहें न फैले. जिले में रहने वाले लोगों को सुरक्षित महसूस कराने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी की होती है. इसके अलावा वो पीपीपी मॉडल को अपनाकर सरकारी सुविधाओं में वृद्धि करके हर आपातकाल के लिए तैयार रहे.
क्या कोरोना संक्रमण ठीक होने वाले लोग दोबारा संक्रमित नहीं होंगे?
इस वायरस के बारे में अभी दिसंबर में ही पता चला है. अभी इसके बारे में कहा नहीं जा सकता. लेकिन सार्स और कोरोना परिवार के अन्य विषाणुओं को लेकर हमारी राय ये है कि दोबारा संक्रमित होने के आसार कम हैं. लेकिन चीन से मिलने वाली कुछ रिपोर्टों में ये कहा गया है कि हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने के बाद भी कुछ लोगों के टेस्ट पॉज़िटिव पाए गए हैं, अभी कुछ कहा नहीं जा सकता.
महामारी (Epidemic) और विश्वव्यापी महामारी (Pandemic) में क्या अंतर है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन की बुधवार को हुई घोषणा से पहले कोरोनावायरस को ‘महामारी’ कहा जा रहा था. महामारी एक ही समय में अनेक समुदायों और अनेक लोगों में फैलती है. वहीं पैनडेमिक यानी विश्वव्यापी महामारी इसे इसलिए कहा गया क्योंकि ये पूरी दुनिया में फैल रही है.