आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले अपना ट्ववीटर हैंडल चेन्नई की स्नेहा मोहनदास को दिया है, जहां उन्होंने ट्वीट कर बताया कि वह कैसे 'फूड बैंक इंडिया' के जरिए बेघरों को खाना खिलाने का काम कर रही हैं.
जानते हैं कौन हैं स्नेहा मोहनदासस्नेहा मोहनदास ने पीएम मोदी के ट्वीवटर हैंडल पर अपने बारे में बताया है. बता दें, वह 'फूड बैंक इंडिया' की संस्थापक हैं. उन्होंने चेन्नई बाढ़ के बाद 'फूड बैंक इंडिया' खोलने के बारे में सोचा था.
स्नेहा ने चेन्नई के इथीराज कॉलेज से साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री ली है, जिसके बाद अन्नामलाई विश्वविद्यालय से सामाजिक कार्यों में पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री भी ली है.
स्नेहा मोहनदास ने गरीब बेसहारा लोगों की भूख मिटाने के लिए फूडबैंक इंडिया की शुरुआत साल 2015 में की थी.
उन्होंने एक वीडिया शेयर करते हुए बताया 'मेरी मां और खास मौके पर बच्चों का खाना खिलाती थी वहीं से मेरे मन भी भूखे लोगों के लिए कुछ करने का फैसला किया'.
अपने काम के माध्यम से आज में युवा पीढ़ी से जुड़ रही हूं. इसी के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से हम लोगों को इस बारे में बताते हैं.
उन्होंने बताया - 'मैंने सोशल मीडिया में फूड बैंक चेन्नई से फेसबुक पेज बनाया. इसका असर ये हुआ कि 18 प्लस चैप्टर इंडिया और एक साउथ अफ्रीका में बन गया'.
क्या है फूड बैंक इंडिया का कॉन्सेप्ट
फूड बैंक इंडिया का कॉन्सेप्ट बताते हुए स्नेहा कहती हैं कि मैं इस मुहिम से लोगों को जुड़ने के लिए कहती हूं. ताकि लोग जब खाना पकाएं तो वह थोड़ा अधिक पकाएं. जिसके बाद वह यही खाना किसी जरूरतमंद लोगों को दें. लोगअक्सर बासी खाना बेघरों दे देते हैं, ऐसा न करें.
ऐसे टीम करती है काम
स्नेहा मोहनदास ने बताया जिन लोगों की खाने की जरूरत होती हैं उनके पास मैं वॉलंटियर को भेजती हूं. इसी के साथ हमने हंगर स्पॉट की पहचान की हुई है. जहां रेगुलर तौर पर खाना भेजा जाता है. उन्होंने बताया वॉलंटियर दिन- रात इसके लिए मेहनत करते हैं.
बता दें, इस मुहिम के तहत उन्होंने मिलकर खाना बनाने, कुकिंग मैराथन, स्तनपान जागरुकता जैसी गतिविधियों की शुरुआत की है. वह लोगों से कहती है कि जरूरतमंद व्यक्ति के लिए भोजन बनाए और उन्हें खिलाएं ताकि भारत में भूखमरी की स्थिति पर हम सब मिलकर काबू पा सके.
(सभी तस्वीरें फेसबुक से ली गई है)