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बेटे को छोड़ने पर जमाने ने कहा था पत्थर दिल मां, ऐसे बनीं IAS

aajtak.in
  • 08 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 2:54 PM IST
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यूपीएससी परीक्षा 2017 में  दूसरी रैंक हासिल करने वाली अनु कुमारी से जब पूछा गया कि महिला सशक्तिकरण क्या है तो इस पर उन्होंने बताया कि एक महिला का अपने दम पर अपनी शर्तों पर जिंदगी जीना ही महिला सशक्तिकरण है. आपको बता दें, अनु ने अपने चार साल के बेटे से दूर रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की थी.  जिसके बाद उन्हें जमाने से कई बातें सुनने को मिली, लेकिन सभी बातों को नजरअंदाज कर उन्होंने पूरे मन से यूपीएससी की तैयारी की. आइए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जानते हैं उनकी कहानी.


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अनु कुमारी शादीशुदा हैं और एक बच्चे की मां भी हैं. उन्होंने अपने बच्चे को खुद से दूर रखकर यूपीएससी की तैयारी की थी. ऐसा करना एक मां के लिए आसान नहीं था. लेकिन अपने दिल को मजबूत कर उन्होंने ये कदम उठाया था. अनु का कहना था कि बच्चे के साथ आप परीक्षा की तैयारी अच्छे से नहीं कर सकते. ऐसे में बेटे से दूर रहकर तैयारी करनी पड़ी थी.


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आपको बता दें, अनु यूपीएससी के पेपर देने से पहले  मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छी सैलरी पर नौकरी कर रही थी. जब उनसे पूछा गया कि फाइनेंशियली सिक्योर होने के बाद यूपीएससी की तैयारी के लिए नौकरी छोड़ना कितना बड़ा रिस्क था? इस पर उन्होंने बताया कि लगभग 9 साल नौकरी करते हुए हो गए थे. जैसे ही मुझे एहसास हुआ कि मेरी जिंदगी में बेसिक जरूरतें और आर्थिक जरूरतें पूरी हो रही है उसके बाद मैंने यूपीएससी की तैयारी करने का मन बनाने का फैसला किया. लेकिन ये इतना आसान नहीं थी.


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अनु कुमारी ने अपने मासी के घर पर जाकर यूपीएससी की तैयारी की थी. इस दौरान उन्हें अपने बेटे से दूरी बनानी पड़ी थी. जो उनके लिए बिल्कुल भी आसान काम नहीं था.

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जब अनु अपने बेटे को छोड़कर पढ़ाई करने के लिए मासी के घर गई थी तो उस दौरान कई लोग बातें बनाते थे. अक्सर कहते  'इसके अंदर दिल नहीं है,  ये पत्थर की बनी है जो
अपने बेटे को छोड़कर आ गई'.

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अनु ने बताया लोगों की बातें सुनकर अक्सर मेरे मन में भी कई बार आता था क्या मैं गलत कर रही हूं. वहीं मुझे इस बात का डर सताता था कि इतना कुछ किया और परीक्षा में पास नहीं हुए तो लोग क्या कहेंगे.

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लेकिन परीक्षा की तैयारी के दौरान पति, भाई और मां का पूरा सपोर्ट था. भाई अक्सर कहता था "तुम एक बार करो, तुम तो टॉप कर जाओगी".

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आपको बता दें, अनु जिस गांव में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रही थी वहां इंग्लिश न्यूज पेपर नहीं आता था. ऐसे में उन्होंने इंटरनेट की मदद लेकर परीक्षा की तैयारी की थी. इसी के साथ उन्होंने किसी भी प्रकार की कोचिंग नहीं ली है.


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बता दें, यूपीएससी के प्रीलिम्स और मेंस पास करने के बाद ज्यादातर उम्मीदवार इंटरव्यू से बाहर हो जाते हैं. अनु ने बताया -  इंटरव्यू से बिल्कुल भी डर नहीं लगा. क्योंकि मेरी कॉरपोरेट प्रोफाइल की वजह से मुझे इंटरव्यू देने की आदत थी.

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