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एजुकेशन

UP में ऐसा है एजुकेशन सिस्टम, योगी के लिए ये थी सबसे बड़ी चुनौती

aajtak.in
  • 06 जून 2020,
  • अपडेटेड 4:11 PM IST
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 48वां जन्मदिन शुक्रवार को है. उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के पंचूर गांव में 5 जून 1972 को उनका जन्म हुआ था. आइए जानते हैं उनके यूपी के मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य के एजुकेशन सिस्टम में कितना बदलाव आया है.


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योगी आदित्यनाथ के एक बयान के अनुसार स्कूलों में सभी छात्रों के प्रवेश को सुनिश्चित करने के लिए एक आंदोलन शुरू किया गया था और इसकी वजह से शिक्षा प्रणाली में बहुत बड़ा सुधार हुआ. जिसके बाद तेजी से बदलाव देखे गए हैं. तीन साल पहले योगी सरकार ने श‍िक्षा में बदलाव के लिए कई कड़े कदम उठाए.

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सरकारी शिक्षकों द्वारा कोचिंग चलाने पर सख्त रवैया अपनाने के लिए योगी ने निर्देश दिए. उन्होंने ऐसे शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए. इसके अलावा विद्यालयों में अधिकतम 200 दिन के अंदर कोर्स पूरा कराने के निर्देश.

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उन्होंने विद्यालयों में शिक्षकों की मॉन‍िट‍रिंग के लिए बायोमीट्रिक्स को अनिवार्य बनाया. साथ ही विद्यालयों में नियमित पढ़ाई सुनिश्चित करने की व्यवस्था पर भी जोर दिया ताकि कक्षाएं नियमित हो सकें.

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निजी स्कूल कॉलेजों द्वारा फीस के संबंध में की जा रही मनमानी वसूली पर रोक लगाने के लिए एक नियमावली तैयार की गई. ये कदम भी योगी सरकार में उठाया गया.

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यूपी बोर्ड में सख्ती बढ़ाने का श्रेय भी योगी आदित्यनाथ पर जाता है. नकल न होने के कारण लाखों छात्रों ने परीक्षा बीच में छोड़ दी थी, लेकिन यूपी सरकार को 'चीटिंग फ्री' परीक्षा आयोजित करने में पूरी तरह से सफलता मिली. योगी सरकार मंच से खुद इसका जिक्र कर चुके हैं.


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बालिकाओं को आत्मरक्षा के कोर्स के अलावा योगी सरकार ने आईटीआई संस्थानों में पुराने ट्रेंडों जैसे-रेडियो मैकेनिक आदि को समाप्त करके आधुनिक जरूरतों के अनुरूप नए ट्रेड शुरू करने के निर्देश  भी जारी किए. इसके अलावा रोजगारपरक कोर्सेज भी शुरू किए गए.

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