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किसान के बेटे का कमाल, केले के तने और रद्दी कागज से पैदा की बिजली

किसान के 17 वर्षीय बेटे ने कमाल के आविष्कार किए हैं. जहां उन्हें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों से ऑफर आने लगे हैं.

गोपाल जी गोपाल जी
प्रियंका शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 03 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 2:17 PM IST

आज हम आपको ऐसे लड़के की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने महज 17 साल है में अपने कई आविष्कारों से लोगों को हैरान कर दिया है. वहीं उनके इस आविष्कारों की वजह से उन्हें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों से ऑफर आने लगे हैं.

बिहार के एक गरीब किसान के घर पैदा हुए 17 वर्षीय गोपालजी को आज वैज्ञानिक के तौर पर जाना जाता है.  जिन्होेंने कई शानदार आविष्कार किए जिसमें से उनके दो के पेटेंट मिल चुके हैं. बता दें, गोपाल ने केले के तने और पेपर से बिजली पैदा करने का एक नया आविष्कार किया जिसके बाद उन्हें जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया. वहीं उनके इस शानदार आविष्कार को पेटेंट भी मिल चुका है.

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10वीं की परीक्षा देने के पहले की रिसर्च

गोपालजी जब 8वीं क्लास में थे, तब केले के तने और पेपर से बिजली पैदा करने का आइडिया आया. जिसके बाद दिन-रात मेहनत करके उन्होंने 10वीं की परीक्षा देने से पहले ही केले के तना से बिजली पैदा करने का आविष्कार कर दिया. ये जानकर सब हैरान थे कैसे एक छोटा सा बच्चा एक अनोखा आविष्कार कर सकता है.

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रद्दी कागज से की बिजली पैदा

जहां गोपालजी ने केले के तने और पेपर से बिजली पैदा करने का आविष्कार किया था वहीं उन्होंने रद्दी कागजात और कार्टन आदि से भी बिजली बनाने का आविष्कार किया है. वहीं इसे आविष्कार को भी पेटेंट मिल चुका है.  इसी के साथ गोपालजी ने कहा कि उन्होंने एक ऐसा पाउडर बना रहे हैं जिसे अगर शरीर पर लगाया जाए तो 4000 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान सहने की क्षमता सह सकता है. इस आविष्कार पर फिलहाल गोपाल काम कर रहे हैं.

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किए कई आविष्कार

पुरस्कार मिले न मिले लेकिन आविष्कार चलते रहने चाहिए. ऐसा कुछ गोपाल जी ने किया. उन्होंने घर पर ही में एक-पर-एक ऐसे कई आविष्कार कर दिए जिससे दुनिया दंग रह गई. उनका नाम का डंका ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी तक गूंज उठा. उनके आविष्कार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने प्रोत्साहित किया.

साथ ही उनके आविष्कार से खुश होकर प्रधानमंत्री ने उन्हें अहमदाबाद स्थित नेशनल इनोवेटिव फाउंडेशन में भेजा है, जहां पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सबसे युवा रिसर्च स्कॉलर के रूप में गोपाल जी काम कर रहे हैं.

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