
हैदराबाद की अरुणा बी रेड्डी ने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जो आजतक किसी ने नहीं किया. अरुणा रेड्डी इतिहास दर्ज करते हुए जिम्नास्टिक्स वर्ल्ड कप में व्यक्तिगत पदक जीतने वाली पहली भारतीय जिम्नास्ट बन गईं. उन्होंने यह खिताब महिलाओं की वॉल्ट इवेंट में कांस्य पदक अपने नाम करने के बाद हासिल किया. बता दें कि दीपा कर्माकर के बाद अरुणा रेड्डी भारत में जिमनास्टिक्स की पहचान बन गई है.
इसी के साथ ही 22 साल की अरुणा ने इस पदक के साथ ही अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए भी अपनी दावेदारी पेश कर दी है. इससे पहले गौरतलब है कि चोट के कारण दीपा कर्माकार ट्रायल्स में हिस्सा नहीं ले पाई थी. लेकिन आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि अरुणा पहले जिमनास्ट के स्थान पर कराटे में माहिर थी और उन्हें कराटों में ब्लैक बेल्ट हासिल था.
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रिपोर्ट्स के अनुसार नारायण रेड्डी की बेटी अरुणा बचपन से ही कराटे सीख रही थी, लेकिन उनके पिता ने 2002 में जिमनास्टिक्स में डाल दिया और जब अरुणा ने जब 2005 में अपना पहला नेशनल मेडल जीता तो उन्हें भी इससे प्यार हो गया. हालांकि उन्हें कई मुश्किलों को सामना करना पड़ा था और 2010 में उनके पिता का देहांत हो गया.
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दीपा कर्मकार और अरुणा दोनों 2011 से एक साथ अभ्यास कर रही हैं. इसके अलावा कई चैंपियनशिप में अरुणा ने भाग लिया है और कई मेडल हासिल किए हैं.