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बॉलीवुड अभिनेता भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान ( FTII) के चेयरमैन पद पर अभिनेता अनुपम खेर को नियुक्त किया गया है और खेर की नियुक्ति की घोषणा के साथ ही उनका विरोध शुरू हो गया है. खेर को लेकर छात्र यूनियन का कहना है यह हितों का ठकराव का मामला है. आइए जानते हैं FTII विवाद क्या है और छात्र क्यों कर रहे हैं चेयरमैन का विरोध...
FTII में अब अनुपम खेर को लेकर विवाद, छात्रों ने बताया हितों का टकराव
FTII क्या है
FTII एक सरकारी संगठन है और 1960 से फिल्म जगत से जुड़े कोर्स करवा रहा है. पहले एफटीआईआई दिल्ली में था और 1974 में इसे पुणे में शिफ्ट किया गया था. देश के टॉप फिल्म इंस्टीट्यूट में से एक एफटीआईआई से कई फिल्मी हस्तियां पास हुई हैं.
क्यों हुआ था गजेंद्र चौहान का विरोध
दो साल पहले गजेंद्र चौहान के चेयरपर्सन बनने पर छात्रों ने उनका कड़ा विरोध किया था और यह विरोध काफी लंबे समय तक चला भी था. संस्थान के छात्रों को साफ तौर पर लगता था कि चौहान में उनका चेयरपर्सन बनने की काबिलियत नहीं है. चौहान को लेकर उन्होंने काफी विरोध किया, लेकिन चौहान ने पद से हटने से इंकार कर दिया था. चौहान के चेयरपर्सन बनने का विरोध करने वाले छात्रों का कहना था कि वो संस्थान के प्रमुख रह चुके गिरीश कर्नाड, श्याम बेनेगल, मृणाल सेन व महेश भट्ट जैसे चंद फिल्मकारों के सामने कहीं नहीं टिकते, इसलिए उन्हें हटाया जाए.
एक साल तक खाली रहा था पद
चौहान से पहले के प्रमुखों का भले ही छात्रों ने विरोध नहीं किया हो, लेकिन फिर भी यह पद सुर्खियों में बना रहा था. दरअसल 2014 में सईद मिर्जा के कार्यकाल की समाप्ति के बाद एक साल से ज्यादा अवधि से इस संस्थान में कोई चेयरपर्सन ही नहीं रहा था. बता दें कि गजेंद्र चौहान के कार्यकाल के दौरान सिर्फ चौहान का विरोध नहीं किया गया था, जबकि छात्रों ने प्रतिष्ठित व्यक्तियों की श्रेणी के तहत गवर्निंग काउंसिल में नियुक्त किए गए आठ सदस्यों में से चार का विरोध किया था. बताया जा रहा था कि यह चारों सदस्य दक्षिणपंथी विचारधारा से ताल्लुक रखते हैं.
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अनुपम खेर ने भी किया था विरोध
छात्रों ने ही नहीं, कई बॉलीवुड हस्तियों ने भी इसका विरोध किया था, जिसमें अनुपम खेर का नाम भी शामिल है. उन्होंने कहा था कि निश्चित रूप से FTII को गजेन्द्र जी की योग्यता की तुलना में और अधिक योग्य व्यक्ति की जरूरत है. उन्होंने कहा था कि मैं निश्चित रूप से मानता हूं कि गजेन्द्र जी बतौर निर्माता, निर्देशक या अभिनेता के रूप में काबिल नहीं हैं.
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क्यों हो रहा है अनुपम खेर का विरोध
गजेंद्र चौहान के बाद अब खेर भी छात्रों के निशाने पर आ गए हैं. संस्थान के छात्र संघ ने आरोप लगाया कि यह हितों के टकराव का मामला है, क्योंकि खेर मुंबई में अपना खुद का अभिनय प्रशिक्षण संस्थान चलाते हैं. FTII छात्र संघ (एफएसए) ने साथ ही देश में असहिष्णुता को लेकर बहस के दौरान खेर की ओर से दिए गए बयानों और 'सरकार के कुछ विचारों का प्रचार करने' की उनकी कोशिशों पर भी आपत्ति जताई है.