Advertisement

गायत्री प्रजापति पर रेप पीड़िता को धमकी देने का आरोप, महिला DSP भी घेरे में

आरोपों के मुताबिक दो मार्च को लड़की का बयान लेने के लिए यूपी पुलिस की एक टीम लखनऊ से दिल्ली के एम्स अस्पताल भेजी गई थी. लेकिन मामले के गवाह का कहना है कि महिला डीएसपी अमिता सिंह ने पीड़ित लड़की को ना सिर्फ़ मनमाफिक बयान देने के लिए धमकाया बल्कि जब उस मामले में परिवार वालों ने उन्हें रोका तो उन्हें बाद मे नतीजा भुगतने की धमकी दी गई.

गायत्री प्रजापति गायत्री प्रजापति
शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 03 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 5:54 PM IST

उत्तर प्रदेश के चर्चित पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति पर लगे रेप के आरोप के दाग अभी धुल भी नहीं पाए हैं कि उनपर पीड़ित लड़की और गवाहों को जान से मारने की कोशिश का भी आरोप लग रहे हैं. आरोप पीड़ित परिवार ने लगाया है. परिवार लड़की को इंसाफ के लिए दिन-रात लड़ रहे हैं.

आरोपों के मुताबिक दो मार्च को लड़की का बयान लेने के लिए यूपी पुलिस की एक टीम लखनऊ से दिल्ली के एम्स अस्पताल भेजी गई थी. लेकिन मामले के गवाह का कहना है कि महिला डीएसपी अमिता सिंह ने पीड़ित लड़की को ना सिर्फ़ मनमाफिक बयान देने के लिए धमकाया बल्कि जब उस मामले में परिवार वालों ने उन्हें रोका तो उन्हें बाद मे नतीजा भुगतने की धमकी दी गई.

Advertisement

गवाहों के मुताबिक इस मामले में पुलिस वालों ने चार घंटे तक एम्स के भीतर रहकर उन्हें धमकाने का काम किया. इस दौरान किसी ने उनकी मदद नहीं की. किसी तरह वो लोग बाद में बाहर निकल कर आए और दिल्ली के हौज़ कास थाने में पूरे मामले की तहरीर दी.

उधर कथित तौर पर आरोपी मंत्री गायत्री प्रजापति की तलाश मे लगी यूपी पुलिस को अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिली है. जानकारों की मानें तो हो सकता है कि उत्तर प्रदेश पुलिस की ये तलाश 11 मार्च तक पूरी ना हो. क्योंकि प्रजापति सपा सरकार के रसूखदार मंत्री रहे हैं और समाजवादी पार्टी सरकार बनाने की दौड़ में काफी मज़बूत माने जा रहे हैं. ऐसे मे जब तक सब कुछ साफ ना हो जाए उत्तर प्रदेश पुलिस अपने आकाओं के खिलाफ जाने का जोखिम नहीं उठाना चाहेगी.

Advertisement

गायत्री प्रजापति रेप केसः पीड़िता के साथ कब-कब क्या हुआ

10 अक्टूबर 2016: गायत्री प्रजापति पर संगीन आरोप लगाने वाली पीड़िता ने अपनी मां के साथ सबसे पहले यूपी के डीजीपी से लखनऊ में मुलाकात की थी.

24 अक्टूबर 2016: वीपी सिंह ने पीडिता का डिटेल्ड स्टेटमेंट लिया था.

25 नंवबर 2016: इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से नोटिस जारी हुआ कि पुलिस एफआईआर दर्ज करे और मामले की जांच करे.

17 जनवरी 2017: उमा देवी ने दिल्ली में पीड़ित मां-बेटी का बयान लिया.

17 फरवरी 2017: सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फौरन एफआईआर दर्ज करने के आदेश किए.

22 फरवरी 2017: अमिता सिंह पीड़िता के वकील महमूद प्रांचा के दफ़्तर गईं और वहां पीड़िता की मां के बयान दर्ज किए साथ ही वीडियोग्राफ़ी भी कराई.

25 फरवरी 2017: पीड़िता और उसकी मां को लखनऊ बुलाया गया. वहां मजिस्ट्रेट के सामने 164 के तहत बयान दर्ज कराए गए.

02 मार्च 2017: अमिता सिंह दिल्ली के एम्स अस्पताल में पहुंची और पीड़िता को धमकाकर बयान बदलने के लिये दबाव बनाया. यही नहीं पीड़िता को जान से मारने की धमकी भी दी.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी पीड़िता और उसके परिवार को दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस ने गायत्री प्रजापति के रेप केस मामले मे कोई सुरक्षा नहीं दी.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement