Advertisement

बॉलीवुड

जमाने-तकनीक के साथ बदल रहा बॉलीवुड, मदरहुड और प्रेग्नेंसी को लेकर बना चुका है ये बढ़िया फिल्में

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 7:10 AM IST
  • 1/9

बॉलीवुड ने जमाने के साथ खुद को बदलना सीख लिया है. यूं तो बॉलीवुड हमें कई समय से आगे की कहानियां सुनाता आया है. लेकिन अब लगता है कि उसने महिलाओं के साथ कदम से कदम मिलाकर विकास की ओर चलना सीख लिया है. बॉलीवुड की फिल्मों में हमने हमेशा से ही मां के किरदार को अहमियत मिलते देखी है.

हालांकि पहले इस बारे में इमेज एक जैसी ही हुआ करती थी. लेकिन अब समय बदल गया है और बदल गए हैं मां बनने के तरीके और मदरहुड की परिभाषा. इन्हीं को हमने बॉलीवुड की कुछ बढ़िया फिल्मों में देखा है. आइए आपको बताते हैं.

मिमी - कृति सेनन की यह नई फिल्म सरोगेसी पर आधारित है. कृति इस फिल्म में एक सरोगेट महिला का किरदार निभाती नजर आएंगी. हम सभी ने बॉलीवुड के सेलेब्स को सरोगेसी की मदद से माता-पिता बनते देखा है. अब हम देखेंगे कि अगर में सरोगेसी क्या होती है और उसके लिए लोगों और खासकर महिलाओं को किन बातों से गुजरना पड़ता है. 
 

  • 2/9

विक्की डोनर - आयुष्मान खुराना की इस फिल्म में स्पर्म डोनेशन को दिखाया गया था. विक्की अपने स्पर्म डोनेशन से कई कपल्स की झोली भरता है. हालांकि जब उसकी शादी में दिक्कत आती है और उसे बच्चे नहीं हो पा रहे होते, तब यही चीज उसके काम आती है. यह कहानी मजेदार होने के साथ-साथ काफी मॉडर्न भी थी.
 

  • 3/9

बधाई हो - अगर यंग कपल्स बच्चे पैदा कर सकते हैं तो अधेड़ उम्र के कपल क्यों नहीं? यही चीज हम सभी को आयुष्मान खुराना की फिल्म बधाई हो में देखने को मिली थी. फिल्म में नीना गुप्ता 25 साल के बेटे के मां होने के बावजूद दोबारा प्रेग्नेंट हो जाती हैं. जहां उनके पति गजराज राव को खूब सराहा जाता है तो वहीं उनके किरदार पर उंगलियां उठाई जाती हैं. हालांकि अंत में फिल्म का मैसेज सभी के लिए बड़ा साबित होता है. 
 

Advertisement
  • 4/9

गुड न्यूज - अक्षय कुमार और करीना कपूर की इस कॉमेडी फिल्म ने बताया कि मां-बाप बनने में मदद के लिए अब IVF की तकनीक दुनिया में है. साथ ही हमने यह भी देखा कि कैसे एक मां को अपने बच्चे के लिए बड़ी मुश्किलों से गुजरना पड़ता है. बच्चा चाहे आपका हो या किसी और का, तकलीफ हमेशा मां को ही होती है. 
 

  • 5/9

त्रिभंग - काजोल की इस फिल्म में दिखाया गया था कि अपने नियमों पर चलने वाली सिंगल मांओं को समाज में कितना कुछ सहना पड़ता है. साथ ही कैसे कभी-कभी उनका परिवार भी उनक साथ नहीं देता. लेकिन हिम्मत हार जाना और उस जिंदगी को ना जीना, जिसकी कल्पना उन्होंने की है, सही नहीं है. 
 

  • 6/9

पा - विद्या बालन ने इस फिल्म में एक सिंगल मां के किरदार को निभाया था. उनके बेटे औरो के किरदार में अमिताभ बच्चन एक ऐसे बच्चे बने थे, जो Progeria का शिकार है. ऐसे में अपने बेटे को अकेले संभालना और उसकी कमी को कमी के रूप में ना देखना विद्या के किरदार ने हमें सिखाया था. 
 

Advertisement
  • 7/9

हेलीकाप्टर ईला - काजोल की एक और फिल्म जिसमें उन्होंने एक अलग तरह की मां का रोल निभाया. ईला एक ऐसी मां थी जो अपने बेटे के कॉलेज में दाखिला लेकर अपनी 22 साल पहले छूटी पढ़ाई को पूरा करती है. ईला अपनी पढ़ाई के साथ अपनी पहचान ढूंढती है और सालों बाद दोबारा गाने लगती है. फिल्म का मैसेज बेहद खूबूसरत था. 
 

  • 8/9

निल बट्टे सन्नाटा - स्वरा भास्कर की इस फिल्म में उन्होंने एक सिंगल मां का रोल निभाया था, जो अपनी बेटी को ट्यूशन पढ़ाने के लिए दोबारा स्कूल में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी करती हैं. साथ ही घर चलाने के लिए अलग-अलग नौकरियां भी करती है. इसी से प्रेरित होकर उनकी बेटी एक एक IAS बनती है और बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का काम करती है. 
 

  • 9/9

शेरनी - यूं तो विद्या बालन की फिल्म शेरनी जानवरों को लेकर जागरूकता के बारे में है. लेकिन इस फिल्म में भी महिलाओं को लेकर एक बड़ा मैसेज दिया गया है. फिल्म में विद्या की मां जब उनसे बच्चे करने के लिए कहती हैं तब विद्या जवाब देती हैं कि उन्हें बच्चे नहीं चाहिए. इसपर उनकी मां पूछती हैं कि वह बिना बच्चों के क्या करेंगी? बुढ़ापे में लोगों को बच्चों की जरूरत होती है. इसपर विद्या कहती हैं कि और भी बहुत कुछ है जो वह कर सकती हैं. 

यंग लड़कियों और महिलाओं को कम ही सिखाते हैं कि बच्चे पैदा करना उनके लिए जरूरी नहीं है. बच्चे पैदा करने और मां बनने से अलग भी एक औरत की पूरी जिंदगी होती है. अगर उसे बच्चे नहीं चाहिए, तो वह किसी भी रूप से गलत नहीं है. 

Advertisement
Advertisement

लेटेस्ट फोटो

Advertisement