बॉलीवुड एक्ट्रेस शशिकला का रविवार को 88 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने अपने घर पर ही अंतिम सांस ली और इस दुनिया को अलविदा कह गईं. उनका जाना बॉलीवुड के नूर के जाने जैसा है. अपने अभिनय के अलावा चेहरे के अद्भुत तेज और चमक से सभी के दिलों पर राज करने वालीं शशिकला का फिल्मी सफर ना सिर्फ यादगार रहा, बल्कि कई मायनों में लोगों को संघर्ष की असल कहानी भी बता गया.
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शशिकला ने बॉलीवुड में जरूर कई फिल्मों में काम कर खूब नाम कमाया, लेकिन उनका संघर्ष उससे ज्यादा बड़ा रहा. कहने को शशिकला एक समृद्ध परिवार में पली-पढ़ी थीं, लेकिन परिवारिक मतभेद और असफल शादी की वजह से वे लगातार धक्के खाती रहीं. शशिकला का जन्म आजादी से 15 साल पहले चार अगस्त 1932 को हुआ था. परिवार समृद्ध था, इसलिए शुरुआती जीवन में ज्यादा परेशानियां नहीं आईं. लेकिन जिंदगी के आगे के पड़ाव काफी उतार-चढ़ाव वाले साबित हुए. शशिकला के पिता को उनके ही भाई से धोखा मिला और वो सारे पैसे हड़प कर दूर चला गया.
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शशिकला ने एक इंटरव्यू में अपने संघर्षों का जिक्र किया था. उन्होंने बताया था कि जब उनके पिता आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे तब वे दाने-दाने को मोहताज हो गए थे. 8-10 दिन तक उन्हें बिना अन्न के दिन गुजारने पड़े. इसके बाद शशिकला ने डांस-ड्रामा ट्रूप को ज्वॉइन कर लिया. सोलापुर जिले के कई इलाकों में जाकर-जाकर वे पौराणिक कथाओं पर नृत्य-नाटक मंचन करते, जिसमें शशिकला कृष्णा का किरदार निभाती थीं. इससे घर की माली हालत में शशिकला हाथ बंटा देती थीं. काम की तलाया में जब वे मुंबई आए तो यहां वे कभी दोस्तों के घर तो कभी रिश्तेदारों के घर रहने लगे. पैसे कमाने थे, काम चाहिए था इसलिए जिनके घर ठहरे उनके यहां घर के काम काज किए, बचा हुआ खाना खा लेते थे.
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शशिकला ने मदर टेरेसा से भी मुलाकात की है. एयरपोर्ट पर पहली बार जब उन्होंने मदर टेरेसा से मिलीं तो उन्हें शांति की परम अनुभूति हुई. वे मदर टेरेसा से मिलने कलकत्ता चली गईं. जब वे कलकत्ता आईं तो उन्हें मदर टेरेसा से मिलने की इजाजत नहीं मिली जिसपर वे बहुत रोईं और कहा कि उन्हें वहां रहने दिया जाए, वे उनके साथ काम करेंगी. शशिकला को पुणे के एक आश्रम में भेज दिया गया जहां उन्होंने शौचालय की सफाई से लेकर लोगों के जख्म साफ करना और झाडू-पोंछा लगाना सब कुछ किया. उनकी मेहनत देख उन्हें मदर टेरेसा से मिलने दिया गया.
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शशिकला ने 11 साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मों में काम शुरू किया. उन्हें फिल्म जीनत में एक कव्वाली सीन में लिया गया. अपनी पहली फिल्म के लिए उन्हें 25 रुपये का इनाम मिला था. फिल्मों में शशिकला का सफर मुश्किलों भरा रहा. शशिकला ने इंटरव्यू में बताया था कि भारत-पाकिस्तान के विभाजन से पहले सब कुछ ठीक था. उन्होंने पीएन अरोड़ा, अमिया चक्रवर्ती, अशोक कुमार, करण देवन और अघहा के साथ कई फिल्मों में काम किया. हर महीने वे 400 रूपये कमा लेती थीं. उस वक्त जब उनका करियर बुलंदियों पर था, तभी देश के विभाजन ने उनकी बुलंदियों के पर काट दिए. उन दिनों की दिग्गज अदाकारा नूरजहां ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया जिसके बाद शशिकला को अपने संघर्ष से एक बार फिर रुबरू होना पड़ा.
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शशिकला की शादी 19 साल की उम्र में ओपी सिंघल के साथ हो गई थी. शादी के बाद शशिकला को लगा था कि उनका घर संवर जाएगा पर किस्मत ने यहां भी उनके खाते में परेशानियां ही लिखी थी. पति का बिजनेस चौपट हो गया था, शशिकला को भी रात-दिन काम करने के बावजूद फिल्मों में सेकेंड लीड या छोटे किरदार मिलते थे. घर में कलह बढ़ गया जिसके बाद उन्हें अपनी बेटियों को पंचगनी बोर्डिंग स्कूल भेजना पड़ा.
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फिल्म आरती में शशिकला को निगेटिव किरदार करने का ऑफर मिला. फिल्म में मीना कुमारी भी थीं. शूटिंग के दौरान एक सीन में शशिकला ने पहले टेक में ही बेहतरीन परफॉर्मेंस दी. इसके बाद मीना कुमारी ने उनकी तरफ देखा और उनकी तारीफ करते हुए कहा- 'हाय अल्लाह, बहुत अच्छा पहला शॉट दिया तुमने'. आरती बेहद हिट रही. फिर शशिकला के पास फिल्मों की कतार लग गई. उन्हें जंगली, अनुपमा, सुजाता, फूल और पत्थर, आई मिलन की बेला, गुमराह, वक्त में बैक टू बैक काम करने का मौका मिला. उन्हें पांच बार फिल्मफेयर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया.
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इंटरव्यू में शशिकला ने अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती के बारे में भी खुलकर बताया. उन्होंने कहा था कि फिल्म गुमराह करने के दौरान वे भटक गई थीं. पति और बच्चों को पीछे छोड़ शशिकला किसी अन्य शख्स के साथ विदेश भाग गई थीं. लेकिन वहां यातनाओं और बेइज्जती सहने के बाद वे वापस लौट आईं. कई दिनों तक वे सड़कों पर पागलों की तरह घूमती रहीं, फुटपाथ पर सोईं, आश्रमों-मंदिरों में शांति ढूंढती रही.
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शशिकला ने हिंदी सिनेमा में लंबी और कामयाब पारी बिताई है. बीते जमाने की इस प्रतिभाशाली अदाकारा ने सरगम, खूबसूरत, दुल्हन, वही जो पिया मन भाए, आहिस्ता आहिस्ता, स्वामी, पद्मश्री लालू प्रसाद यादव, रक्त, मुझसे शादी करोगी, चोरी-चोरी, झनकार बीट्स, कभी खुशी कभी गम, बादशाह, टीवी शो लजीना इसी का नाम अपनापन, दिल देके देखो और सोन परी में काम कर चुकी हैं.
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शशिकला को महाराष्ट्र सरकार ने राज कपूर लाइफटाइम अचीवमेंट कंट्रीब्यूशन अवॉर्ड से सम्मानित किया था. इस सम्मान से पहले शशिकला को साल 2007 में देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से नवाजा जा चुका है. साल 2009 में उन्हें वी शांताराम लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया था.
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