
फिल्म का नाम: पटेल की पंजाबी शादी
डायरेक्टर: संजय छैल
स्टार कास्ट: ऋषि कपूर, परेश रावल ,प्रेम चोपड़ा, वीर दास , पायल घोष
अवधि: 2 घंटा
सर्टिफिकेट: U /A
रेटिंग: 2 स्टार
ऋषि कपूर और परेश रावल की कॉमेडी फिल्म 'पटेल की पंजाबी शादी:लड़ो मगर प्यार से' रिलीज हो गई है. शादी एंटरटेनमेंट पर बेस्ड इस फिल्म में परेश रावल और ऋषि कपूर की बड़े पर्दे पर वापसी हुई है. 'पटेल की पंजाबी शादी:लड़ो मगर प्यार से' फिल्म के नाम से ही ये साफ है कि ये फिल्म एक पटेल और एक पंजाबी परिवार के बीच प्यार और तकरार की कहानी है. इस फिल्म के राइटर डायरेक्टर संजय छैल ने एक अरसे बाद इस फिल्म के साथ वापसी की है. इसके पहले डायरेक्टर के तौर पर उन्होंने खूबसूरत और मान गए मुगल-ए-आजम जैसी फिल्में डायरेक्ट कर चुके हैं. आइए जाने उनकी ये हालिया रिलीज 'पटेल की पंजाबी शादी' कैसी फिल्म है...
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कहानी
फिल्म में हंसमुख पटेल (परेश रावल) अपनी मां, बड़ी बेटी और छोटी बेटी पूजा पटेल (पायल घोष) के साथ मुंबई की एक गुजराती सोसायटी में रहता है. हंसमुख की पत्नी का देहांत हो जाने के बाद वो बेटियों को अकेले पालते हुए उन्हें कई नियमों और कानूनों में बांधे रखता है. यहां तक कि वह सोसायटी वालों को भी अपनी गुजराती संस्कृति की रक्षा के लिए उकसाता रहता है, यहां तक की सोसायटी में गुजरातियों के अलावा हसमुख को किसी का आना कतई पसंद नहीं. कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब उसके घर के सामने वाले बंगले को सेकंड हैंड कारों का डीलर गुग्गी टंडन (ऋषि कपूर) खरीदकर अपनी पत्नी, पिता प्रेम टंडन (प्रेम चोपड़ा) और बेटे मोंटी (वीर दास) के साथ वहां आ जाता है. एक तरफ हंसमुख का संस्कृति से भरा हुआ परिवार है तो वहीं दूसरी तरफ गुग्गी की फैमिली पूरी तरह से बिंदास और खुले स्वभाव की है.
हंसमुख अपनी बेटी को उनसे बचकर रहने को कहता है पर मोंटी और पूजा को पहली नजर में एक दूसरे से प्यार हो जाता है, इसी बीच पूजा की बड़ी बहन की सगाई के दौरान टंडन परिवार में कुछ ऐसा हो जाता है कि वह सगाई टूट जाती है जिसकी वजह से हंसमुख और भी ज्यादा गुस्से में आ जाता है. इसके बाद गुग्गी और मोंटी अपनी गलती को सुधारने में लग जाते हैं, अब क्या मोंटी और पूजा का प्यार शादी में तब्दील हो पाता है, इसका पता आपको फिल्म देखकर ही चलेगा.
फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद तो ये लग रहा था कि फिल्म ठीक-ठाक होगी लेकिन पूरी फिल्म की कहानी काफी हिली-डुली है और स्क्रिप्ट लेवल पर बहुत सारा काम किया जाना चाहिए था. फिल्म की कास्टिंग बहुत बढ़िया है लेकिन स्क्रीनप्ले की मार की वजह से फिल्म कमजोर दिखाई देती है. गुजराती और पंजाबी परिवारों के बीच कहानी का ताना-बाना बहुत ही बढ़िया हो सकता था. फिल्म का संगीत भी रिलीज से पहले हिट नहीं हो पाया है जिसे दुरुस्त किया जा सकता था.
जानिए आखिर ये फिल्म को क्यों देखें:
फिल्म का डायरेक्शन अच्छा है साथ ही ऋषि कपूर की अदायगी बहुत उम्दा है, ऋषि कपूर खुद भी एक पंजाबी हैं और गुग्गी के किरदार में उन्हें देखना बेहद मजेदार है. परेश रावल ने अपने गुजराती किरदार को सहज तरीके से निभाया है. फिल्म में ऋषि और परेश रावल के डायलॉग्स भी काफी दिलचस्प हैं. ऋषि कपूर के पिता के रूप में प्रेम चोपड़ा ने भी बढ़िया काम किया है. वीर दास का काम ठीक-ठाक है वहीं पायल घोष भी अपने किरदार में फिट नजर आ रही हैं.
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बॉक्स ऑफिस
फिल्म का बजट 10-15 करोड़ के बीच बताया जा रहा है जिसकी भरपाई कर पाना मुश्किल सा लग रहा है क्योंकि इसके साथ सिमरन और लखनऊ सेंट्रल फिल्में भी रिलीज हुई हैं और साथ ही शुभ मंगल सावधान, डैडी और बादशाहो की बॉक्स ऑफिस पर अभी तक कमाई जारी है. एक तरह से यह कहा जा सकता है कि शायद इस फिल्म को बड़े पर्दे की बजाय टीवी पर बेहतर ऑडियंस नसीब हो.